Madhya Pradesh Mining Conclave: मध्य प्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 का कटनी के अरिंदम होटल में शनिवार को औद्योगिक मंथन हुआ। मंच पर प्रभारी मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, खनिज विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक सोनी टंडन समेत अन्य अधिकारी एवं बड़े औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इसमें बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश खनन और खनिज संसाधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश खनिजों की प्रचुरता और सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के कारण देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खनन क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृण करेगा, अपितु देश के औद्योगिक विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विषय-विशेषज्ञों और निवेशकों के साथ वन टू वन चर्चा की। कॉन्क्लेव में देशभर से कोल इंडिया लिमिटेड, अडाणी ग्रुप, एचसीएल समेत माइनिंग क्षेत्र के 1500 से ज्यादा निवेशक, नीति निर्माता शामिल हुए। कटनी जिले से ही 300 से ज्यादा उद्योगपति शामिल हैं। कॉन्क्लेव में मिनरल एवं माइनिंग से संबंधित विभिन्न सत्रों के दौरान बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है।

इन सेक्टर पर हुई चर्चा
इसमें कोयला और ऊर्जा क्षेत्र पर विशेष चर्चा की गई। इसके अलावा हाइड्रोकार्बन, प्रौद्योगिकी प्रगति, क्रिटिकल मिनरल्स और चूना पत्थर एवं सीमेंट सेक्टर पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें खनन कार्यों में ऑटोमेशन के साथ एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग पर चर्चा की गई।

सरकार और प्रशासन को खनिज क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े और सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद है। खनन क्षेत्र में दशकों से काम कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिन्दुस्तान कॉपर लि. (एचसीएल), मैंगनीज और इंडिया लि. (मॉइल), कोल इंडिया लि. (सीआईएल) और रेयर अर्थ इंडिया लि. (आरईआईएल) भी शामिल होंगी। कॉन्क्लेव स्थल पर प्रदेश की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
रिसर्च और क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग की राह खुलेगी
कॉन्क्लेव में खनन और प्रौद्योगिकी में शोध के लिए टेक्समाइन आईआईटी, आईएसएम (धनबाद) और आईआईएसईआर (भोपाल) जैसे संस्थानों के साथ एमओयू किए जाएंगे। क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग बढ़ाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ भी एमओयू होगा। खनन क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स, खनिज संवर्धन संयंत्र और मशीनरी निर्माता कंपनियां भी आई हैं। पेट्रोकेमिकल और हाइड्रोकार्बन मिनरल की खोज और उत्खनन की संभावनाओं को भी निवेशकों के समक्ष रखा गया है।

केन्द्र में रहेगा डाउनस्ट्रीम उद्योगों का विकास
कॉन्क्लेव में खनन अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधनों में बदलने, खनिजों का उपयोग कर डाउनस्ट्रीम उद्योगों का विकास सबके केन्द्र में रहेगा। देश भर से आने वाले निवेशक, नीति निर्माता तथा उद्योगपति और उनके तकनीकी विशेषज्ञ इस पर विचार रखेंगे। साथ ही, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए डिजिटल तकनीक के उपयोग, स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की जाएगी। उद्योग विशेषज्ञ खनिज-आधारित उद्योगों, बेनिफिशिएशन (खनिज संवर्धन) और उन्नत तकनीकों पर चर्चा की गई।

ये कंपनियां रहीं शामिल
कॉन्क्लेव में डायरेक्टर जनरल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, चीफ कंट्रोलर ऑफ माइन्स इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स नागपुर, सीएमडी एचसीएल, डायरेक्टर (फाइनेंस) एमईसीएल, बिजनेस डेवलपमेंट, एसईसीएल, डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ एंड एनवायरमेंट साइंसेस, टेक्समिन, आईबीएम नागपुर, आई-एनर्जी, एलीटेक, एके एसयूनिसर्बिटी, डेलोइट, एचसीएल, रामनिक पॉवर एंड एलोयस, एमओआईएल, ऑनर विनमीर रिसोर्सेस प्रा.लि., सिंघाल बिजनेस प्रा.लि., लोहम, अडाणी सीमेंट, माइनवेयर एडवाइजर्स प्रा.लि., (माइनिंग एंड स्ट्रेटजिक प्रोजेक्ट) एरसेलोर मित्तल, डायरेक्टर महाकौशल रिफैक्टरीज जैसी नामी कंपनियां शामिल रहीं।
निवेशकों को इसलिए लुभाएगा कटनी
कटनी में परिवहन और लॉजिस्टिक्स का मजबूत नेटवर्क है। यही कारण है कि निवेशकों व उद्योगपतियों को यह लुभाएगा। यह देश का प्रमुख रेलवे ट्रांजिट और लॉजिस्टिक्स हब है। यहां से पांच प्रमुख रेल मार्ग गुजरते हैं, जो इसे उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम भारत से जोड़ते हैं। सड़क परिवहन में भी जिले की बेहतर कनेक्टिविटी है, जहां से राष्ट्रीय राजमार्ग 30 और 43 गुजरते हैं, जो इसे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से जोड़ते हैं। हवाई यातायात के लिए निकटतम हवाई अड्डा 100 किलोमीटर दूर जबलपुर में है, जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है।