आम आदमी पार्टी की हरियाणा ईकाई ने राज्य में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। आप नेता अनुराग ढांडा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि नायब सैनी सरकार ने पूरी बेशर्मी के साथ एक ऐसी योजना को मंजूर किया है जिसमें छोटे किसानों को प्रताड़ित किया जाना तय है।

इसके बाद आम आदमी पार्टी ने एक बयान जारी कर हरियाणा की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ किसानों की जमीन नहीं छीन रही, बल्कि उनकी पहचान, उनकी आजीविका और उनकी पीढ़ियों का हक भी निगलने पर आमादा है।

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि ई-भूमि पोर्टल के जरिए जो कागजी विकास की स्कीम चलाई जा रही है, असल में वो दलालों और बिल्डर लॉबी के लिए खुला लूटखसोट का रास्ता बन चुकी है, और इसके पीछे खट्टर-नायब सिंह का पूरा प्रशासनिक तंत्र खड़ा है।

इतना ही नहीं, आप की तरफ से यह भी दावा किया गया कि बीजेपी सरकार ने जिस बेरहमी से किसानों की जमीनों को सर्कल रेट से भी नीचे खरीदने का षड्यंत्र रचा है, वो इस बात का सुबूत है कि उन्हें न किसान की चिंता है, न खेत की, और न ही हरियाणा की कृषि संस्कृति की।

कांग्रेस की भूमिका पर भी उठाए सवाल

अपनी प्रेस विज्ञप्ति में आम आदमी पार्टी ने आगे कहा कि कांग्रेस की भूमिका भी यहां उतनी ही शर्मनाक है। पूरे प्रदेश में विपक्ष का नाम तक लेने वाला कोई नहीं दिखता। एक साल से नेता प्रतिपक्ष तक तय नहीं किया गया, यानी बीजेपी को खुली छूट दे दी गई है कि वो किसान को लूटे, और कांग्रेस आंख मूंदकर तमाशा देखती रहे।

आम आदमी पार्टी ने आगे कहा कि हरियाणा के किसानों को अब तय करना होगा कि वे किसके साथ खड़े हैं, लूट की साजिश रचने वालों के साथ या उनके खिलाफ आवाज़ उठाने वाली ताकतों के साथ। आप ने कहा कि बीजेपी सरकार को जवाब देना ही होगा, 2014 से अब तक कितनी जमीन किसानों से छीनी गई? कितनी ज़मीन किस-किस कॉरपोरेट को बेची गई? कितने बीजेपी नेताओं ने स्कीम लागू होने से पहले उन इलाकों में ज़मीन खरीदी?