मंगलवार (15 नवंबर) को जब पूरे देश से नोटबंदी के कारण लोगों के सामने पेश आ रही परेशानियों और हो रही मौतों की खबर आ रही थी तभी समाचार चैनलों के टीवी स्क्रीन पर ब्रेकिंग चलने लगी कि “पीएम नरेंद्र मोदी की माँ हीरा बा बैंक जाकर बदल रही हैं पुराने नोट।” भारतीय साहित्य में माँ को सर्वोच्च स्थान देने का श्रेय आदिकवि वाल्मीकि को जाता है। वाल्मीकि ने रामायण में राम के मुख से कहलवाया था, “…जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” ( मेरे लिए माँ और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं)। जब सिनेमा का दौर आया तो महबूब खान ने ‘मदर इंडिया’ बनाकर भारतीय माँ की आदर्श छवि पेश की। उसके बाद 1975 में दीवार फिल्म में लेखकों द्वय सलीम-जावेद के माँ पर लिखा संवाद “मेरे पास माँ है!” हिंदी सिनेमा इतिहास का कालजयी संवाद साबित हुआ। ये तो साहित्य और सिनेमा की बातें हो गईं। लेकिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में किसी राजनेता की माँ लगातार चर्चा में रही हैं तो वो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ है।
नरेंद्र मोदी को जब मई 2014 में लोक सभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला तो वो सबसे पहले अपनी माँ का आशीर्वाद लेने पहुंचे। उसके बाद जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आए तो वो पीएम मोदी की माँ के लिए साड़ी लाए। जब मोदी पाकिस्तान गए तो वो शरीफ की माँ के लिए शॉल लेकर गए। मोदी करीब 21 साल की उम्र में अपना घरबार छोड़कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए थे। लेकिन वो अपनी माँ से मिलने हर साल जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी हर साल अपने जन्मदिन (17 सितंबर) पर आशीर्वाद लेने जाते हैं। हालांकि पीएम बनने के बाद 2015 में वो अपनी माँ का आशीर्वाद लेने नहीं जा सके थे।

पीएम मोदी की माँ हीरा बा की उम्र 90 साल से अधिक है। वो अपने एक अन्य बेटे के साथ गांधीनगर में रहती हैं। अपने पीएम बेटे के सरकारी आवास 7 रेसकोर्स रोड (अब लोक कल्याण मार्ग) में हीरा बा पहली बार मई, 2016 में आईं। माँ के जाने के बाद पीएम मोदी ने माँ के साथ अपनी कई तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कीं। तस्वीरों में पीएम मोदी माँ को बगीचे में घुमाते हुए दिखे। पीएम मोदी की ये तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो गईं। सभी मीडिया संस्थानों ने इन्हें “माँ का प्यार” और “आदर्श बेटा” से मिलती-जुलती शीर्षकों से प्रकाशित किया। 2016 में पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर मां का आशीर्वाद लेने पहुंचे। माँ से मिलने के बाद उन्होंने उनके साथ अपनी तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “मां की ममता, मां का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी होता है.”

नोटबंदी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आम लोगों को रही तकलीफों को लेकर आलोचनाओं से घिर रहे थे। सोशल मीडिया पर लोग रोजमर्रा के जीवन में आ रही कठिनाइयों का रोना रो रहे थे। कई लोग बैंकों और एटीएम के बाहर रात से ही लाइन में लग गए तो कई लोगों की जान पांच सौ और हजार के नोट न होने की वजह से चली गई। ऐसे में पीएम की बूढ़ी माँ का बैंक में जाकर “साढ़े चार हजार” के पुराने नोट बदलने की खबर उनके प्रति लोगों की दिल में हमदर्दी पैदा करेगी। संदेश साफ है कि जब पीएम की माँ “तकलीफ” उठा सकती हैं तो बाकी लोग क्यों नहीं? और शायद इसी वजह से कुछ लोग शक होता है कि पीएम मोदी अपनी माँ से प्यार करते हैं या “पीआर” करते हैं?
वीडियो: पीएम नरेंद्र मोदी की माँ हीरा बा ने बैंक जाकर नोट बदलवाए-
वीडियो: जानिए क्या है विमुद्रीकरण और क्या लिया जाता है इसका फैसला-