फेडरिक नीत्शे ने लिखा है कि सत्य नहीं होते, सिर्फ व्याख्याएं होती हैं। वे एक जगह यह भी कहते हैं…
फेडरिक नीत्शे ने लिखा है कि सत्य नहीं होते, सिर्फ व्याख्याएं होती हैं। वे एक जगह यह भी कहते हैं…
तृप्त जानवर होने से बेहतर है अतृप्त इनसान बन कर रहना। दरअसल, इनसान और जानवर के बीच मूल फर्क यही…
पूरे देश में जब कांग्रेस के खिलाफ सुनामी आई थी तब देवभूमि कहे जानेवाले हिमाचल प्रदेश में पार्टी की डगमगाती…
आरएसएस को ‘फीडबैक’ आधारित संस्था भी कहा जाता है। अपनी स्थापना के बाद से स्वतंत्र भारत में तीन बार प्रतिबंध…
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार फिलहाल अपनी बुलंदी के पंद्रह मिनट की चकाचौंध में हैं। कहना न…
भाजपा ने लोकसभा चुनावों में तो यहां अपनी मौजूदगी जोर-शोर से दर्ज करा दी थी, लेकिन उसके बाद हिंदी भाषी…
दिल्ली की राजनीति के केंद्रबिंदु में रहीं दीक्षित से दिल्ली के हालात पर जनसत्ता के कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज से…
इतालवी बुद्धिजीवी अंबर्तो इको ने कहा था कि आजादी का मतलब तो झूठे और नकली शब्दों से मुक्त होना भी…
आरक्षण की मांग पर हरियाणा का यह पहला बड़ा आंदोलन रहा जिसमें व्यापक स्तर पर जान-माल का नुकसान हुआ। सरकारी…
छह दिनों तक टनों बर्फ के नीचे दबे लांसनायक हनुमनथप्पा के बहादुर दिल के धड़कते रहने की खबर ने देश…
अब तक जेएनयू में वामपंथियों का बोलबाला रहा है, और दक्षिणपंथी विचारधारा वहां अघोषित रूप से प्रतिबंधित ही रही है।
सत्रहवीं शताब्दी में निर्मित वास्तुशिल्प के इस हैरतअंगेज शाहकार को लेकर कवियों-शायरों की कलम ने खुल कर अपना इजहारे-खयाल किया।