हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और लोकसंगीत दोनों में गोकुल के रसिया द्वारा यमुना तट पर रास रचाने को लेकर अनगिनत रचनाएं…
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और लोकसंगीत दोनों में गोकुल के रसिया द्वारा यमुना तट पर रास रचाने को लेकर अनगिनत रचनाएं…
दर्पण में अपना मुखड़ा देखने का शौक अब बहुत ऊंचाइयां हासिल कर चुका है।
मातृत्व की उसकी सहज प्रवृत्ति अपनी संतति पर जरा-से खतरे के आभास के साथ रौद्र रूप धारण कर लेती है।
मुंबई में कौन-सा समय ‘ऑफिस टाइम’ नहीं होता, कहना कठिन है। फिर भी, तथाकथित ‘ऑफिस टाइम’ में बरसात का रौद्र…
हरे-भरे पेड़ लगाए जाएंगे तो शत्रु छिपता-छिपाता पास तक आ जाएगा।
हमारी कृषि आधारित समृद्धि खैबर और हिंदूकुश दर्रों से उतर कर आने वाले आक्रांताओं के पैरों तले बार-बार रौंदी गई।
सहज ढंग से खरी बात कहने का भारतीय अंदाज इसे तिकोना कहकर किसी शक की गुंजाइश नहीं छोड़ता।
अप्रतिम सुंदरता की मूर्ति सरीखे पलाश के रक्ताभ फूल मार्च महीने में खिलना शुरू करते हैं।
वैसे भी शहरों में अब स्वयं खटिया की ही खटिया खड़ी हो चुकी है।
शौर्य और बलिदान में तपे इन वरिष्ठ सूरमाओं ने संध्या में आयोजित एक रंगारंग कार्यक्रम में सिद्ध कर दिया कि…
हमारी सामूहिक चेतना के अंग बन चुके कई वाक्यों में से एक यह है कि साहित्य समाज का दर्पण होता…
देश में कोई महानगर ऐसा नहीं, जहां हजारों आधे-अधूरे फ्लैट भरी किसी बदनसीब की तरह सूनी आंखों से आसमान की…