मनीष कुमार चौधरी

इस दुनिया की सबसे कीमती चीज है भरोसा। कमाने में वर्षों लग सकते हैं और खोने में केवल कुछ पल। इसलिए यह महत्त्वपूर्ण है कि हम जो भी करते हैं उसमें सबसे आगे विश्वास को रखें। यह हमारे जीवन और नेतृत्व में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह सभी रिश्तों का एक महत्त्वपूर्ण और कोमल पहलू है, क्योंकि इसके लिए हमें कमजोर या साहसी होने का चयन करने की आवश्यकता होती है।

जीवन में ऐसा कौन है, जिसका भरोसा नहीं टूटा! लेकिन सिर्फ इसी से इस शब्द की गहराई कम नहीं होती। जब हम दूसरों की सामान्य अच्छाई पर भरोसा करना शुरू करते हैं, तो दुनिया के बारे में हमारा नजरिया अचानक ही निराशाजनक और धूमिल नहीं रह जाता। मनुष्य के रूप में हम दूसरों के साथ जुड़ने और दूसरों पर भरोसा करने के लिए ही बने हैं। संपर्क और संवाद के बिना हम एक प्रजाति के रूप में जीवित नहीं रह पाएंगे।

विश्वास मानव प्रेरणा का उच्चतम रूप है। अगर हम पूरे दिल से भरोसा कर सकते हैं कि सबसे कठिन समय में कोई हमारा समर्थन करने के लिए है, तो यह पहले से चली आ रही दुर्गम चुनौतियों को चींटियों की तरह बना देता है। अचानक ही जो कठिन लग रहा था, वह अब कुछ ऐसा लगने लगता है जो प्राप्त करने योग्य है। बार-बार अविश्वास करना हमारी चेतना पर भी हावी हो सकता है, जो संबंधों को पर्याप्त मजबूत बनने से पहले ही तोड़ देता है। टूटा हुआ भरोसा किसी पिघली चाकलेट की तरह है, जिसे लाख जमाने की कोशिश कर लें, वह अपने मूल आकार में नहीं लौट पाएगी।

हममें से कोई नहीं जानता कि अगले पल क्या होने वाला है, फिर भी हम आगे बढ़ते हैं तो किसके सहारे? यह भरोसा ही होता है जो हमारे लिए प्रेरक का काम करता है। जिन लोगों को भरोसे की समस्या होती है, उन्हें केवल आईने में देखने की जरूरत होती है। वहां वे उस एक व्यक्ति से मिलेंगे जो उन्हें सबसे अधिक धोखा देगा।

जीवन हमेशा लोगों के साथ संबंधों से बना है, और रिश्ते में दोस्ती, ईमानदारी, प्यार और जुनून भरने के लिए विश्वास महत्त्वपूर्ण है। विश्वास किसी रिश्ते का समर्थन करने वाला केंद्रीय स्तंभ है और इसकी तुलना एक घर की ठोस नींव से की जा सकती है। बुनियादी भरोसे के बिना एक रिश्ता संदेह और असुरक्षा से घिरा होता है, जो लंबे समय तक नहीं चल सकता।

हालांकि एक बार टूट जाने के बाद भरोसा फिर से हासिल करना आसान नहीं होता, लेकिन निरंतर प्रयासों और सच्चे इरादों से ऐसा किया जा सकता है। शब्दों से अधिक यह बदला हुआ व्यवहार है जो विश्वास को वापस लाने में मदद कर सकता है। हेमिंग्वे का विचार है, ‘यह पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी पर भरोसा कर सकते हैं या नहीं, उस पर भरोसा करना है।’

अगर जीवन में बनाए रखने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मूल्य है, तो विश्वास है। विश्वास को परिभाषित करना कठिन है, लेकिन हम जानते हैं कि यह कब खो जाता है। जब हम घृणा और अनिश्चितता के बोझ से खुद को मुक्त करने का निर्णय लेते हैं, तो अपने आप ही विश्वास, दृढ़ संकल्प, प्रेम और जुनून के गुणों को अपना लेते हैं। अचानक दरवाजे खुलते हैं और धूप अंदर आती है।

अपने जीवन के सभी पहलुओं में विश्वास की आवश्यकता को समझा जाए और उसकी सराहना की जाए। यह कोई टोपी या पोशाक नहीं है, जिसे अपनी मर्जी से पहन सकते हैं और उतार सकते हैं। विश्वास और सम्मान जब जीवन में व्याप्त हो जाते हैं तो ये हमारे डीएनए का हिस्सा बन जाते हैं। फिर दूसरे भी हमें उस रोशनी में देखने लगते हैं।

जीवन के हर पहलू और दैनंदिन चर्या में विश्वास निहित है। हम कोई समाचार पत्र पढ़ते हैं, किसी समाचार चैनल को देखने के लिए चुनते हैं या किसी उत्पाद को खरीदने के लिए किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो उसका पहला आधार भरोसा ही होता है। भले ही हमें अपेक्षित परिणाम न मिलें, लेकिन कोई भी कदम उठाने के लिए जिस पहली सीढ़ी का हम चयन करते हैं, वह भरोसे की नींव पर ही टिकी होती है।

भरोसे के पहलू पर रिश्ते, तर्क और यहां तक कि युद्ध भी लड़े जाते हैं। कुछ जीते जाते हैं और कुछ हारे भी जाते हैं। भरोसे के बिना कोई भी सामाजिक मेलजोल मुश्किल होता है, क्योंकि हम नहीं जान सकते कि किसी की नीयत खराब है या नहीं। यह किसी भी रिश्ते की आधारशिला होता है। जिन लोगों में विश्वास की कमी होती है, उन्हें अक्सर दूसरों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने में कठिनाई होती है, जिससे वे मौज-मस्ती या स्थायी रिश्तों के अवसर खो देते हैं जो उनके जीवन को बेहतर बना सकते हैं। भरोसे की सान भले ही वर्षों में चढ़ती है, लेकिन इसे उतरने में जरा भी समय नहीं लगता। ऐसे लोग जो सभी पर भरोसा करना छोड़ देते हैं, अंत में बेहद बेचारे हो जाते हैं।