Kumar Vishvas Birthday: आज चर्चित कवि-शायर डॉ. कुमार विश्वास (Dr Kumar Vishvas) का जन्मदिन है। अपनी बेबाकी के लिए मशहूर कुमार विश्वास सियासी अखाड़े में भी उतर चुके हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ राजनीति शुरू की और चुनाव भी लड़ा, लेकिन बाद में तमाम मुद्दों पर पार्टी से मतभेद हो गया। कुमार विश्वास को राजनीति के दांव-पेंच रास नहीं आए और फिलहाल उन्होंने सक्रिय राजनीति से किनारा कर लिया है। कुमार विश्वास कहते रहे हैं कि राजनीति और भ्रष्टाचार का चोली-दामन का रिश्ता है।
साल 2017 में ‘जनसत्ता बारादरी’ की एक बैठक में कुमार विश्वास शामिल हुए। इस बैठक में जब उनसे पूछा गया कि आपके विरोधी कहते हैं कि कविता और कॉमेडी से राजनीति नहीं होती है, तो कुमार विश्वास ने दो टूक लहजे में कहा था कि, ”भ्रष्ट हुए बिना पूर्णकालिक नेता रहा ही नहीं जा सकता”। उन्होंने पूर्णकालिक नेताओं के खर्चों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, ‘पूर्णकालिक नेताओं के खर्चे आखिर कहां से आते हैं?
‘मैं चमचे नहीं पालता हूं’: ‘जनसत्ता बारादरी’ की उस बैठक में कुमार विश्वास ने नेताओं पर तंज सकते हुए कहा, ‘पूर्णकालिक नेताओं की तरह मैं चमचे नहीं पालता और न ही दूसरों के खर्च पर हवाई यात्रा करता हूं और लंबी गाड़ियों में चलता हूं। कवि सम्मेलन से जो पैसे जुटाता हूं, उसी से अपना खर्च चलाता हूं’।
कुमार विश्वास ने कहा था कि, ‘मुझे यह बात समझ में नहीं आती है, शख़्स कल तक फटे कपड़ों में घूमता था, राजनीति में आते ही आखिर चमचमाते कपड़े कैसे पहनने लगा?’। महंगा मोबाइल ले लिया। पूछने पर कहेगा, कार्यकर्ता ने दिया है।
जीवन में हज़ारों इंटरव्यू दिए, सवालों में घिरा, जवाबों से तिरा! लेकिन आश्चर्य की बात है कि इसमें जो प्रश्न पूछे गए, वो पहले कभी न मैंने छुए थे न पूछने वालों ने! इससे मैंने भी ख़ुद को दोबारा जाना है। आप भी इसे देख कर कहेंगे “इस कुमार से नहीं मिला था”!https://t.co/v8ki8NwPYR
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 17, 2020
‘निजी काम से ही चलता है घर’: कुमार विश्वास ने अपने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘पूरे यूरोप में प्रोफेशनल पॉलिटिक्स है। डॉक्टर पॉलिटिक्स करता है और दूसरे पेशों के लोग भी पॉलिटिक्स करते हैं। हमारे यहां ऐसा नहीं है। जो आपका निजी काम है, प्रोफेशन है, उसे नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि उसी से आपका घर चलता है।
बता दें कि साल 2014 में कुमार विश्वास ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद के दिनों में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से उनकी खटपट हो गई। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति से अलग हो गए।