Dunia mere aage, Human Nature, Thinking
दुनिया मेरे आगे: अहं की दीवारें, जहां ‘मैं’ का प्रभाव ज्यादा होता है, वहां घट जाती है व्यक्ति की श्रेष्ठता

अहंकारी व्यक्ति सदैव श्रेष्ठता के मद में रहता है, दूसरे उसे तुच्छ और हीन ही दिखाई देते हैं। उसे लगता…

Dunia mere aage, Human Nature, Thinking
दुनिया मेरे आगे: आदतों के दायरे, सुखद जीवन के लिए खुद में बदलाव की गुंजाइश और लचीलापन आवश्यक

जब हम अपने ही बनाए ढांचे से समय-समय पर अपने को मुक्त करते हैं, खुद को सुरक्षा घेरे से थोड़ा…

Peace mind| Dunia mere aage
दुनिया मेरे आगे: केंद्र और परिधि, सीमित दृष्टि में नहीं है जीवन का आनंद, खुद को बड़ा बनाकर सोच के बंधन से मुक्त होना जरूरी

एक सही आधार से जीवन को किसी सार्थकता से जीने के लिए पहले स्वयं को ही जानना आवश्यक होता है।…

Happy life| Dunia mere aage
दुनिया मेरे आगे: पहचान का संकट, जहां हमें पहुंचना था, वहां हमसे पहले पहुंच रहा बाजार

जीवन जीने के लिए करोड़ों की संपत्ति नहीं, बल्कि रिश्तों में आपसी सद्भाव, प्रेम, विश्वास और एक-दूसरे के प्रति सम्मान…

Dunia mere aage, Relationship
दुनिया मेरे आगे: रिश्तों की डोर और जिंदगी का आनंद, भरोसा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं

रिश्ता कोई भी हो, लेकिन अगर निबाह सही है, तो जीवन में उलझनें भी बहुत कम होंगी। सब कुछ व्यवस्थित…

Dunia Mere Aage, Personality, Spoken Style
दुनिया मेरे आगे: संवाद का सलीका, आपकी बातें बताती हैं आप का व्यक्तित्व, बोलने में मीठापन जरूरी

बातों की महत्ता इससे साबित होती है कि वे सकारात्मक भाव से कही जा रही हैं या नकारात्मक भाव से।…

Life style| Time management
दुनिया मेरे आगे: पल-पल छिनते पल, समय का महत्व नहीं समझने वाले को सफल होने का नहीं मिला समय

समय बर्बाद करने के कारक हमारे आसपास ही बिखरे होते हैं। जरा ध्यान से देखा जाए, तो समझ में आ…

vichar Bodh| sahitya
दुनिया मेरे आगे: जागरूकता की जरूरत, समाज के बिना राजनीति का न कोई अस्तित्व है और न ही कोई भविष्य

विडंबना यह है कि समस्याओं के स्रोत की पहचान लोग कर सकते हैं, मगर कई बार सुविधा का जीवन जीने…

Dunia mere aage, Freedom of life
दुनिया मेरे आगे: स्वतंत्रता के दायरे और रिश्तों की मिठास, बंधन से मुक्त जीवन में सहजता का आनंद

कृतिक स्वतंत्रता घातक बिल्कुल भी नहीं है। अगर व्यक्ति स्वतंत्रता के साथ भावनाओं को भी जीवन में स्थान देगा तो…

Happy and sad| Life| society
दुनिया मेरे आगे: स्वीकार का साहस, धोखाधड़ी की भीड़ में विश्वसनीयता की जरूरत

कभी भी किसी ईमानदार आदमी को अपने स्वभाव और काम का प्रचार नहीं करना पड़ता। उसकी प्रशंसा अपने आप फैलती…

Freedom| Expression
Jansatta Editorial: आवास कल्याण समिति को विचारों की भिन्नता के बीच सामंजस्य और सद्भाव कायम रखने की जरूरत

भारत में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी रही हैं, इसका आकलन इसी से कर सकते हैं कि अतीत से लेकर…

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