children | education| pressure
दुनिया मेरे आगे: माता-पिता की आकांक्षा और उम्मीदों के बोझ तले दबा बच्‍चों का जीवन

नन्हे बच्चों से इतनी भी क्या उम्मीदें पालना कि उनका बचपन, शौक और बालमन का सुख ही समाप्त हो जाए।

Loneless society
दुनिया मेरे आगे: बदलते दौर में अपनों से बात करने के लिए भी लोगों के पास समय नहीं

अगर धार्मिक मान्यताओं और आस्था के लिहाज से भी देखें तो हम सभी यह मानते हैं कि देवी लक्ष्मी साफ-सुथरे…

smiling | people
दुनिया मेरे आगे: खुशनुमा मुस्‍कुराहटों की तलाश करने पर भी कहीं दिखाई नहीं देते

चार्ली चैप्लिन ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि मुझे बारिश में घूमना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि इसमें मेरे…

senior citizen | old age home
दुनिया मेरे आगे: अपनों के रहते हुए भी बुजुर्ग वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर

आज कोई परिवार बड़ों के आशीर्वाद से फल-फूल रहा है, तो किसी के घर के बुजुर्ग वृद्धाश्रम में अपनी शेष…

Paras stone | Human
दुनिया मेरे आगे: पारस मनुष्य की वह प्रकृति है, जिसमें आत्मा की गहराई प्रतिबिंब है

मनुष्य के मन में महत्तम चीजों को पकड़ कर रखने की लालसा हमेशा से ही बलवती रही है।

Jelously| Hate
दुनिया मेरे आगे: ईर्ष्या करने का परिणाम अक्सर होता है निष्फल

ईर्ष्या इतनी कुत्सित वृत्ति है कि सभा, समाज, मित्र-मंडली, परिवार में, एकांत कोठरी में कहीं भी स्वीकार नहीं की जाती।

Balmukund Gupta| Journalist
दुनिया मेरे आगे: बालमुकुंद गुप्त की निर्भीक अभिव्यक्ति के लिए उन्हें ‘गूंगी जनता के मुखर वकील’ की संज्ञा दी गई

आज भी जब देश की पत्रकारिता के इतिहास के पन्ने पलटें तो लगेगा बाबू बालमुकुंद गुप्त के जिक्र के बिना…

Hindi | Bharat| Language
दुनिया मेरे आगे: ‘हिंदी है हमारी संस्कृति और नागरिकता का प्रतीक’

भाषा विज्ञान में कहा गया है कि हिंदी भाषा खुद विचारों को व्यक्त करने की क्षमता रखती है और इसे…

Library| Language
दुनिया मेरे आगे: सृजन की हर साहित्यिक विधा भाषा की कसौटी पर ही कसी जाती

दुनिया के जितने देश महाशक्ति के तौर पर जाने जाते हैं, वे अपनी राष्ट्रीय भाषा में बड़े काम करते देखे…

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