नन्हे बच्चों से इतनी भी क्या उम्मीदें पालना कि उनका बचपन, शौक और बालमन का सुख ही समाप्त हो जाए।
अगर धार्मिक मान्यताओं और आस्था के लिहाज से भी देखें तो हम सभी यह मानते हैं कि देवी लक्ष्मी साफ-सुथरे…
चार्ली चैप्लिन ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि मुझे बारिश में घूमना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि इसमें मेरे…
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि बेचैन सांसों को आराम देना है तो कुछ देर हौले-हौले झूला झूलना चाहिए।
आज कोई परिवार बड़ों के आशीर्वाद से फल-फूल रहा है, तो किसी के घर के बुजुर्ग वृद्धाश्रम में अपनी शेष…
अभिभावकों को समझना होगा कि आज दुनिया बहुत विशाल है और इसमें संभावनाएं अनंत हैं।
मनुष्य के मन में महत्तम चीजों को पकड़ कर रखने की लालसा हमेशा से ही बलवती रही है।
ईर्ष्या इतनी कुत्सित वृत्ति है कि सभा, समाज, मित्र-मंडली, परिवार में, एकांत कोठरी में कहीं भी स्वीकार नहीं की जाती।
आज भी जब देश की पत्रकारिता के इतिहास के पन्ने पलटें तो लगेगा बाबू बालमुकुंद गुप्त के जिक्र के बिना…
भाषा विज्ञान में कहा गया है कि हिंदी भाषा खुद विचारों को व्यक्त करने की क्षमता रखती है और इसे…
दुनिया के जितने देश महाशक्ति के तौर पर जाने जाते हैं, वे अपनी राष्ट्रीय भाषा में बड़े काम करते देखे…
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसे आपस में सुख-दुख साझा करने की जरूरत पड़ती है।