हम सभी ने अपने शरीर और दिमाग में सोशल मीडिया का दखल इतना बढ़ा दिया है कि सामाजिक ढांचा हिलता-डुलता,…
विपरीत समय में पूर्ण गरिमा के साथ अपनी मुस्कुराहट को कायम रखना ही मनुष्य की जिजीविषा बन सकती है, जिसे…
अगर मानव जीवन के विभिन्न भाव असंतुलन में होते हैं तो क्रोध के उत्पन्न होने की संभावना अत्यधिक होती है।
आज हम अपनी जरूरतें अपने ही भीतर दफन करते जाते हैं तो कहीं गैरजरूरी बातों और चीजों को जीवन की…
दिक्कतें और कठिनाइयां आनी-जानी हैं। इन्हें रोजमर्रा के कामों की तरह गाते-गुनगुनाते बगैर फिक्रमंदी सरलता से निपटाते जाना चाहिए।
हममें से बहुतेरे लोग स्थायित्व के लिए सब कुछ दांव पर लगा देना चाहते हैं, लेकिन यह कभी तय नहीं…
सेल्फी का चलन और आकर्षण हमारी खोई हुई ऊर्जा और आभासी अजनबियों की वाहवाही के लिए जीने की बढ़ती महामारी…
जीवन की परीक्षा में अधिकांश लोग इसलिए विफल रहते हैं, क्योंकि वे बिना सोचे-समझे दूसरों की नकल करते हैं।
आजकल एक नई बीमारी लग चुकी है, वे एक ही बात को बार-बार दोहराती हैं, एक ही प्रश्न को अनेक…
झर-झर गिरते झरने और कल-कल करती नदियों ने हम में संगीत का बोध पैदा किया है।
अकेलेपन से संत्रस्त उस महिला की झूठी काल के पीछे ध्येय यही रहा होगा कि इसी बहाने कोई उससे बात…
हमारे आसपास के लोगों के द्वारा पीछे की गई चुगलियां खमीर की तरह मन में फूल रही हैं।