भाषा वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली भाषा भोजपुरी के साथ झारखंड सरकार द्वारा अन्याय किया…
जिंदगी में पुलों की तलाश करते-करते अधूरे पुलों की विरासत ढोना आज जैसे आम लोगों की नियति बन गई है।
फूलों के रंग और उनकी महक मन को परम आनंद से भर देती है।
वैसे भी शहरों में अब स्वयं खटिया की ही खटिया खड़ी हो चुकी है।
पांच इंच के परदे पर दुनिया तो जरूर सिमट आई है, पर जो निकट है, आदमी उससे दूर हो गया…
कामिक्स केवल बच्चों या किशारों की पसंद नहीं था, बड़े लोग भी समय काटने के लिए इन्हें बड़े चाव से…
नैतिक मूल्यों के अनुकरण से ही उत्तम व्यक्तित्व का स्वामी बना जा सकता है।
किसी ने सच ही कहा है कि प्रेम वसंत-समीर है और प्रेम करने का कोई निश्चित दिन नहीं होता।
प्रेम का रंग जब आत्मा को भिगोता है, तो अंतस में जलतरंग-सा बज उठता है।
जिंदगी में सब कुछ उजला नहीं होता। कुछ कालिमा भी होती है। कुछ धुंधलका भी होता है।