Harvard University | P. Chidambaram |
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: समानता, प्रतिकूलता और विविधता

समानता वांछित मानदंड है, प्रतिकूलता एक कठोर वास्तविकता है, विविधता एक महसूस की जाने वाली आवश्यकता है। इन तीनों को…

Constitution
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: शब्दों का अपना अर्थ होता है, एकरूपता के बजाय सुधार पर हो जोर, ‘समान’ का अर्थ ‘आम’ नहीं

असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए संविधान की छठी अनुसूची को जोड़ा गया, और…

USA | PM Modi USA Visit |
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: पीएम नरेंद्र मोदी के लोकतंत्र की अमेरिका में खोज

अंतरराष्ट्रीय डिजिटल अधिकार संगठन, ‘एक्सेस नाउ’ के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में 187 बार इंटरनेट बंद हुआ। भारत में…

Balasore Train Accident, Train Accident, Train News,
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: बालासोर एक ऐसी मानव जनित घटना, जो घटित होने के इंतजार में थी

अश्विनी वैष्णव सात जुलाई 2021 को सरकार में शामिल हुए। वे इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री हैं (जिसका वे आनंद…

New Parliament | Sengol | Innaguration of New Parliament |
पी. चिदंबरम का कॉलम: सेंगोल ‘राजदंड’ का आशय नेक शासन से है, खालिस सत्ता से नहीं; नई इमारत के उद्घाटन को राज्याभिषेक में बदल दिया

एक राजदंड का झुक जाना अन्यायपूर्ण या क्रूर शासन का प्रतीक होगा। किसी एक वर्ग के प्रति पक्षपात या दूसरे…

Nitish Kumar
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: विपक्षी दलों के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जिसके पीछे वे लामबंद हों

विपक्षी पार्टियां अब उस तरह एकजुट नहीं हो सकतीं या नहीं होंगी जिस तरह उन्होंने 1977 में एकजुट होकर जनता…

Yogi Adityanath II Atiq ahmed II UP Police
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: कौन-सा कानून, किसका आदेश? अब अधिनियमित नहीं, हो गया है मनमाना अधिकार

कानून लागू करने वाले जैसा इसे समझते और लागू करते हैं वही ‘कानून’ है। इसके अलावा, ‘आदेश’ का अर्थ अब…

Congress President, Mallikarjun Kharge, Lok Sabha 2024
देश को निरंकुश शासन की ओर ले जाता कमजोर संसदीय लोकतंत्र, गिर रहा संसद और सांसदों का महत्व

हम लगातार एकदलीय शासन की ओर बढ़ रहे हैं। अगर पंद्रह राज्यों में एक पार्टी का शासन है और अगर…

Narendra Modi| PM Modi
पी. चिदंबरम का कॉलम दूसरी नजर: अमृतकाल और सवाल- आखिर सरकार गरीबों की बात क्यों नहीं करती?

ऐसा माना जाता है कि, अमृतकाल में, ‘मनुष्यों के लिए अधिक सुख और आनंद के द्वार खुलेंगे’। ये प्रश्न, जिनका…

अपडेट