जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: अज्ञातवास पर जाना चाहता है मन, भटकाव से बचने के लिए करना पड़ता है उपाय

मनुष्य का स्वभाव विचित्र है। वह प्रसन्नता के कारकों पर मंथन नहीं करता। वह उन बातों को ज्यादा सोचता है,…

जनसत्ता-दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: एक करोड़ का हीरा पहनने से नहीं मिलेगा आनंद, उत्साह और उमंग के लिए अमीर और प्रतिष्ठित होना जरूरी नहीं

हम लाख चाहें फिर भी इस बात को नहीं जान सकते कि हमारे आने वाले कल में क्या होगा। तो…

Life style
दुनिया मेरे आगे: आधी जीत आधी हार, जीवन का रोमांच भी खेल की तरह है, कुछ बुरा है तो कुछ अच्छा भी है

जीवन बहुत ही मायावी है, किसी रोमांचकारी खेल की तरह। कभी कोई जीतता है, तो कभी कोई हारता है। अगर…

Peace mind| Dunia mere aage
दुनिया मेरे आगे: केंद्र और परिधि, सीमित दृष्टि में नहीं है जीवन का आनंद, खुद को बड़ा बनाकर सोच के बंधन से मुक्त होना जरूरी

एक सही आधार से जीवन को किसी सार्थकता से जीने के लिए पहले स्वयं को ही जानना आवश्यक होता है।…

kite fly | Delhi
दुनिया मेरे आगे: जीवन में दूसरों के लिए जगह, निजी परिवार के दायरे से बाहर निकलने का सुख

आज का मनुष्य ‘सैद्धांतिक आसमान’ यानी ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ से गिरकर ‘खजूर पर’ यानी ‘मानव केंद्रित’ भी नहीं रह सका, बल्कि…

Vichar Bodh
दुनिया मेरे आगे: द्वंद्व से गुजरता मन और नकारात्मकता खत्म कर रही जीवन की गतिशीलता

निर्मल स्वच्छ जलधारा लहराती बलखाती कल-कल नाद के साथ निर्बाध गति से आगे बढ़ती रहती है। उसके बहाव के साथ…

पहाड़ से पलायन रोकने के लिए संत-महात्मा निकालेंगे छड़ी यात्रा

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा निकाली जाने वाली प्राचीन छड़ी यात्रा उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के गांवों को…

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