
देश में हार साल लाखों लोग रोजी-रोटी के लिए तो कभी विस्थापित होने पर गांवों से शहरों का रुख करते…
सारा राय की कहानियों का मिजाज अपने समकालीनों से अलग है। उनमें हमारे आसपास की दुनिया नजर आती है। वे…
सूचना तकनीक ने भले ज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, पर पुस्तकें आज भी विचारों के आदान-प्रदान का…
इंटरनेट एक माध्यम मात्र है। इस पर उपलब्ध कोई ऐप या वेबसाइट समाज के भूख, रोग और अशिक्षा को दूर…
कुलदीप कुमार पेरिस में व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली एब्दो’ पर हुए आतंकी हमले के बाद हिंदुत्व की प्रयोगशाला चलाने वालों को…
अपूर्वानंद जनवरी में सवाल किया जाना चाहिए कि आखिर हम किस गांधी को याद करना चाहते हैं। या कि उन्हें…
प्रभु जोशी यह अत्यंत विचारणीय तथ्य है कि भारत के अलावा दुनिया के किसी भी देश में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण…
राजकुमार केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, अब उनकी निगाह में शिक्षा का उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक विकास करना है।…
अपूर्वानंद हिंदुओं को आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है। अपने भीतर झांकने की, खुद को टटोलने की। यह बात अधिकतर हिंदुओं को…
कुलदीप कुमार जिन लोगों को यह मुगालता था कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और…
असीम सत्यदेव अरुण माहेश्वरी के लेख ‘अवाम से क्यों दूर हुआ वाम’ (26 नवंबर) में रोग से ज्यादा दवा की…
महेंद्र राजा जैन शंकर शरण की टिप्पणी ‘पाठक से दूरी का सच’ (26 अक्तूबर) पुस्तकें ‘बिकने’ और ‘न बिकने’ की…