
इंटरनेट पर कोई शब्द या वाक्य टाइप करते हुए वैकल्पिक शब्द दिखने की सुविधा की वजह से लोग अब शब्दों…
जीवन के बुनियादी प्रश्न एक विचारशील व्यक्ति को बेचैन करते हैं और अस्तित्व के जरूरी सवालों के उत्तर खोजने के…
आज सोनू के सवाल सामान्य होकर भी असामान्य क्यों लग रहे हैं? यह अपने आप में एक सवाल बना हुआ…
द्वितीय विश्वयुद्ध में नर्स के रूप में सेवाएं दे चुकीं रेमंड ने दस हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे…
आज से दो दशक पहले लोग किताबें खरीदते थे और उन्हें संजो कर रखते भी थे।
महामारी के दौरान तकरीबन दो साल तक देश का हर नागरिक घरों में बंद रहा।
शासकों के व्यक्तिगत चरित्र, ज्ञान और गुणवत्ता का कई देशों के लिए अब जैसे कोई अर्थ ही नहीं रह गया…
हरियाली बचाने के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकण कई मामलों में हस्तक्षेप करता है।
शुरुआती विद्यार्थी जीवन में स्कूलों और घर में अपने बड़ों और शिक्षकों द्वारा हमें बहुत-सी बातें समझाई जाती हैं।
लंबे समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से चेहरे पर हल्की-हल्की लाइनें और झुर्रियां आने लगती हैं।
मासूम जीवों की जान लेना कोई बहादुरी तो नहीं है। जब यह आत्मबोध आया, तब मैंने गुलेल से तौबा कर…
पहले शहरों में डीएम, एसपी और जज के बंगले भी बिना पते के ही लोग जानते थे। कोई भी बता…