
जी हां, हमें राहत का एक समाचार चाहिए, जिसमें हिंदू-मुसलिम एक साथ दिखें, ऐसा कोई उपहार चाहिए। देश की आबोहवा…
यह चिंता की बात है कि आज हमारी मातृभाषा हिंदी की जो दयनीय स्थिति हो रही है, उसमें हमारे उच्चवर्ग…
क्या किसी भी व्यक्ति के साथ ‘राष्ट्रद्रोही’ या ‘आतंकवादी’ शब्द जोड़ देना इतना आसान हो गया है, वह भी तब…
पिछले दिनों जेएनयू में हुई घटना से पूरे देश में बहस खड़ी हो गई लगती है। इसके लिए जो भी…
देश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटना का शिकार होना एक आम बात हो गई है। लेकिन अफसोस की बात…
मध्यप्रदेश सरकार ‘युक्तियुक्तकरण’ के नाम पर एक लाख बीस हजार स्कूलों में से एक लाख आठ हजार स्कूल बंद करने…
दिल्ली हाइकोर्ट ने केजरीवाल सरकार द्वारा निजी स्कूलों में मैनेजमेंट कोटा समाप्त करने पर रोक लगा दिया।
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला कोई नई बात नहीं है। अक्सर सत्ता पक्ष और विपक्ष में यह खेल चलता रहता…
रोजगार की व्यापक समस्या पर काबू पाने के मकसद से लागू की गई महत्त्वाकांक्षी योजना मनरेगा आज भ्रष्टाचार की भेंट…
‘किताबों की आभासी दुनिया’ (दुनिया मेरे आगे, 29 जनवरी) में वीरेंद्र जैन जी की चिंता जायज है। भारतीय भाषाओं में…
वैश्वीकरण के इस माहौल में हमने संसाधनों और भौतिक विकास की दौड़ में तो अग्रणी स्थान बनाने की कोशिश की…
पहले एक बहुत ही ‘अजीब’ विचार। विचार यह कि ऐसी संस्था बनाई जाए, जो बीस साल से कम उम्र के…