
हिमनदों का पिघलना केवल बर्फ की मात्रा में कमी का मामला नहीं है। यह जलवायु तंत्र की जटिलता, पारिस्थितिकी संतुलन,…
प्लास्टिक ने हमारे जीवन को सुगम बनाया, उत्पादों को सस्ता किया है। लेकिन इस सुविधा की कीमत हम एक ऐसे…
अब राकेट प्रक्षेपण बढ़ने से सुधारों पर पानी फिर रहा है। इस वृद्धि का एक कारण पृथ्वी की कक्षा में…
‘इंटरनेशनल यूनियन फार कंजर्वेशन आफ नेचर’ (आइयूसीएन) के अनुसार, विश्व में चौदह सौ से ज्यादा पक्षी प्रजातियां संकटग्रस्त हैं। भारत…
मौजूदा जलवायु संकट पर सबसे अधिक प्रभाव आर्थिक नीतियों का है, विशेषकर तब जब पेरिस जलवायु समझौते के तहत उत्सर्जन…
जहां तक भारत का सवाल है, कार्बन उत्सर्जन के मामले में इसने अपेक्षा से ज्यादा तेज रफ्तार से सुधार किया…
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर पहाड़ टूट कर गिरने की बड़ी घटना ने इस बात की चेतावनी दी है…
देश में गज-संरक्षण में बरती जा रही कोताही की पुष्टि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की पिछले साल…
पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट सनसनीखेज है। रिपोर्ट में पूरी दुनिया को सीधे तौर पर चेता दिया गया…
पेरिस और क्योटो आदि संधियों के लागू होने का अर्थ था कि यह रफ्तार मंद पड़ते हुए उलट जाए। लेकिन…
वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ लगभग सत्तर फीसद छोटे हिमनद भी पिघल जाएंगे। घटते हिमनदों…
वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव की वजह से मानसून बनने की परिस्थितियों पर असर पड़ा है।