
शांति-अशांति, विचार और विचारधारा- ये सब मनुष्य के मन में सनातन काल से चलने वाली हलचलें हैं।
सचमुच इन मासूम बच्चों के सामने हमारे समाज से लेकर हमारी सरकारों तक ने यह कैसी मजबूरी पैदा कर दी…
आकाश सूरज, चांद का स्थायी निवास है और बादल, कोहरा या बर्फ कभी-कभार आने-जाने वाले मेहमान।
दुनिया का एक सत्य यह है कि जन्म से मिले रिश्ते तो प्रकृति की देन हैं, लेकिन जीवन के सफर…
किसी के अवचेतन में चुपके से दाखिल होकर कैसे कोई विचार रोपा जा सकता है! इसके बाद फिर वह व्यक्ति…
दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसा लगता है जैसे पृथ्वी की घूर्णन गति चार गुनी हो गई हो।
कभी डाकिये जिस रास्ते से गुजरते थे, लोग वहां खड़े रह कर अपनी चिट्ठी के बारे में जरूर पूछते थे।…
कुछ संदर्भ कई बार अपने साथ व्यापक दायरे की जटिलताओं की व्याख्या का अवसर मुहैया कराते हैं।
पहाड़ की टूटी-फूटी सड़कों पर बरसात के दौरान आम लोग भी सड़क पर चलने से परहेज करते हैं।
बहुत पुराने समय से यह माना जाता रहा है कि शैशवास्था मां की छाया में बीतना चाहिए।
आजकल मैंने बच्चों को यह कहते सुना है कि माता-पिता को बच्चों की देखभाल करना और समझना नहीं आता।
अपने परिवेश की सामाजिक धारणाओं, मूल्यों-विश्वासों को हम इस तरह अंगीकार कर लेते हैं, जैसे वे हमारे अपनी धारणा, मूल्य,…