Self-Reflection, Inner Journey, Introspection, Emotional Awareness, Ego and Mind
दुनिया मेरे आगे: आत्मचिंतन के दर्पण से होती है भीतर की यात्रा, देती है जीवन को अर्थ और दिशा

आत्मचिंतन एक सतत प्रक्रिया है। यह एक बार किया जाने वाला कार्य नहीं, बल्कि जीवन की हर परिस्थिति में इसे…

WHO report, measles in India, CDC data, vaccine-preventable disease
दुनिया मेरे आगे: पिता की खामोश मासूमियत, रिश्तों की गहराई को समझने की एक कोशिश

आज जीवन मूल्य तेजी से बदल रहे हैं। सामाजिक जीवन अब कुछ ऐसी जटिलताओं से गुजर रहा है कि पिता-पुत्र…

Ambition vs Peace, Mahabharata Lessons, Present Moment Awareness
दुनिया मेरे आगे: मन की हार नहीं मानी तो जीत तय है, जीवन की उथल-पुथल में असली कामयाबी है विचारों की स्थिरता

अगर हम मन से नहीं हारे तो दुनिया का कोई तूफान हमारे हौसले को नहीं तोड़ सकता। मन की हार…

Constructive Ideas, Mental Clarity, Thought Leadership, Inner Growth
दुनिया मेरे आगे: विचारों का मंथन या भटकाव, सुंदर समाज की राह में सोच का संतुलन क्यों जरूरी?

जब हम अपनी दुनिया, अपने समाज को लेकर सपना देखते हैं, जिसमें हम सुंदर, समृद्ध और स्वस्थ समाज की परिकल्पना…

दुनिया मेरे आगे: तेज रफ्तार जीवनशैली में बच्चों की परवरिश का संकट, चुनौतियां और समाधान

बच्चे की परवरिश में आस-पड़ोस की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। बच्चा घर के बाहर जिन बच्चों के साथ…

Dunia mere aage, inner turmoil, emotional storm
दुनिया मेरे आगे: भीतर उठते तूफानों को समझिए, ध्यान से मिलेगा बेचैनी का समाधान

अंतस के झंझावात पूरे शरीर पर एक बड़ा प्रभाव डालते हैं। इनका सबसे बड़ा और सबसे महत्त्वपूर्ण प्रभाव जो एक…

Noise Pollution, Shor Ki Sanskriti, India Noise Culture, DJ Sound Ban
दुनिया मेरे आगे: शोर ही शक्ति? भारत में कैसे बन गई ‘Noise’ एक नई संस्कृति

सामान्य और स्वस्थ मनुष्य के लिए पैंतालीस डेसीबल से अधिक का शोर असहनीय और खतरनाक है। इससे अधिक का शोर…

Dunia mere aage, parmarth, humanity, sufi poetry, Indian culture
दुनिया मेरे आगे: परमार्थ की रागिनी- जहां तहजीब, इश्क और मानवता मिलकर रचते हैं असल मजहब का राग

परमार्थ का राग तभी साकार होगा, जब हम अपनी सीमाओं को तोड़कर हर आत्मा को गले लगाएंगे। परमार्थ का यह…

village memories, summer vacation, family bonding
दुनिया मेरे आगे: गांव की चौपाल से शहर की चाट तक- क्या फिर लौटेंगे सुकून भरे गर्मी के दिन?

अवकाश के क्षणों में बड़े-बूढ़ों और हमउम्र के साथ समूह में बैठकर हंसी- मजाक कर आनंद लेने के दिन अब…

emotional balance, psychology, stress and depression, motivation and hope
दुनिया मेरे आगे: मन पर यादों का जादू- जब खुशी और दर्द बनते हैं सोच और भावनाओं की दिशा

सुखद और दुखद यादों का संतुलन हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण है। अगर हम केवल सुखद यादों पर ध्यान…

poverty and happiness, money can't buy happiness, economic inequality, false idealism
दुनिया मेरे आगे: गरीबी को आदर्श बताने की चाल, क्या वाकई पैसे से सुख नहीं खरीदा जा सकता

जब कोई अमीर व्यक्ति गरीब की मुस्कान को आदर्श बनाकर यह कहता है कि ‘खुशी साधनों में नहीं होती’, तो…

courage to accept, accepting negativity, positive thinking, self-acceptance
दुनिया मेरे आगे: दूसरों के लिए जीना, सीखें प्रकृति और गुरु नानक से सेवा का पाठ

नदियां अपना पानी स्वयं नहीं पीतीं, पेड़ अपने फल नहीं खाते और सूरज खुद को रोशन नहीं करता। यानी दूसरों…

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