
जब हमारी मन:स्थिति अच्छी और सकारात्मक होगी, तो परिस्थिति कभी हमारे ऊपर हावी नहीं होगी। हम अपनी मजबूत अवस्था और…
समझना मुश्किल है कि आज आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को महिलाओं से इतनी नफरत क्यों है। आदमी यह कैसे भूल…
कभी-कभी अपनी समस्याओं से बचने की हमारी अचेतन रणनीतियां बहुत गहराई लिए होती हैं। ये इतनी गहरी होती हैं कि…
समाजशास्त्र की अवधारणा ‘सांस्कृतिक विडंबना’ हमारे समाज के लिए एकदम सटीक बैठ रही है। इस अवधारणा के अनुसार हम भौतिक…
जीवन बहुत ही मायावी है, किसी रोमांचकारी खेल की तरह। कभी कोई जीतता है, तो कभी कोई हारता है। अगर…
भय और असुरक्षा की भावना हर किसी में होती है। कभी हमें नए लोगों से, कभी नई स्थिति से, कभी…
आत्मकेंद्रित होते व्यक्ति के पास दूसरे के लिए समय का अभाव है। किसी का दुख-दर्द सुनने की फुर्सत भला किसे…
जब व्यक्ति का स्वयं पर ही विश्वास नहीं रख पाता, तो वह आत्मसम्मान की कमी महसूस करने लगता है और…
समानता और मानवाधिकारों का हनन किसी भी कारण से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। अतीतजीविता बहुतायत में उन्हें पसंद होती…
जब पीछे मुड़कर देखा जाए, तो पाते हैं कि तब जिंदगी धीमी रफ्तार से चलती थी, आज की तरह भागती…
जीवन में रिश्तों की प्रकृति और महत्व समय के साथ बदल सकते हैं। जो रिश्ते पहले महत्त्वपूर्ण थे, वे आगामी…
जब हम सही आचरण करते हैं, तब यह जरूरी नहीं कि हमारे साथ सब अच्छा ही होगा या बाकी लोग…