Dunia mere aage, consumerism, urbanization, artificial intelligence
दुनिया मेरे आगे: बाजार से पूछ रहा इंसान – खुशियों का कौन-सा है ब्रांड? त्योहार, रिश्ते और मशीन का हुआ बाजारीकरण

बाजार चमक रहे हैं, प्रचार हमें अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। अब त्योहारों का मतलब मिलना-जुलना कम और दिखना-दिखाना…

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