खाद्य संकट से निपटने के लिए व्यवस्थित और दीर्घकालिक दृष्टिकोण विकसित करने की जरूरत है।
भारत में पड़ने वाले सूखे का एक प्रमुख कारण, यहां होने वाली वर्षा का असमान वितरण भी है।
आरनमुला शीशा निर्माण की कला अब जलवायु परिवर्तन के कारण संकट में है।
जलवायु विज्ञान कार्बन बजट को हरित गैसों की मात्रा के रूप में परिभाषित करता है।
भारत पहले से जलवायु परिवर्तन की गहराती समस्या के मुद्दे पर दुनिया में अपना स्पष्ट पक्ष रखता रहा है।
भारतीय मौसम को लेकर अनुमान है कि मई के मध्य तक पश्चिमी विक्षोभ नौ बार और हलचल मचाएंगे।
जल संकट अब दुनिया के लगभग सभी देशों के साथ भारत के लिए भी एक विकट समस्या बन चुका है।
जलवायु परिवर्तन से मौसम संबंधी महत्त्वपूर्ण घटनाओं का पूरे विश्व में पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो रहा है।
दिनोंदिन बढ़ते प्रदूषण और घटते जंगलों के कारण धरती के तापमान में बदलाव और प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़…
विश्व मौसम संगठन के मुताबिक, समुद्र के जल में वैश्विक औसत वृद्धि 2013 से 2022 के बीच 4.5 मिलीमीटर प्रति…
गंगा और ब्रह्मपुत्र समेत एशिया की दस नदियों का उद्गम हिमालय की तलहटी है।
पिछले दस सालों में भूगर्भीय जल का स्तर चौवन फीसद तक कम हो गया है।