
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों मे भगोरिया पर्व आते ही वासंतिक छटा मन को मोह लेती है। एक रंग की वेशभूषा, चांदी…
यह कितनी दुखद बात है कि एक अधिकारी कर्मचारी 30 से 35 साल तक नौकरी करता है तो एक पेंशन…
विस्तृत उत्तर वाले प्रश्नों को हल करते हुए भले ही किसी विद्यार्थी के पास दुर्लभ स्मृति क्यों न हो, फिर…
आजादी के इतने साल बीत गए पर भारत में आज भी लोग रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं से…
हाल ही में सरकार ने वित्तीय संकट का मुकाबला करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा करते समय जो…
यह कोई रहस्य नहीं है कि स्वतंत्रता के सात दशक बाद भी, हाशिए के वर्गों को प्रतिनिधित्व और भागीदारी हासिल…
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद लोकसभा में यह माना है कि दिसंबर 2014 से अब तक देश की मुद्रा 25…
हर दिन जनता की गाढ़ी कमाई पर जो इस तरह से प्रहार हो रहा है, वह सब विपक्ष ही कर…
अपने देश के नागरिकों को बेहतरीन, सुलभ और सस्ती चिकित्सा उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए, पर केंद्र…
सरकार अब अगला निर्णय सांसदों, विधायकों और मंत्रीगणों के बारे में जरूर ले, क्योंकि उनमें अधिकतम वृद्ध ही हैं।
उद्योग को मजबूती देने एवं आधुनिक जीवन के संसाधन जुटाने के चक्कर में हमने जिस प्रकार से पृथ्वी, जल एवं…