
अनेक शोधों से पता चला है कि कोलाहल समुद्री जीव-जंतुओं को भी मानसिक रूप से अशांत करता है। अशांत चित्त…
पिछली एक शताब्दी में तस्करी, शिकार और पारिस्थिकी-तंत्र के असंतुलन की वजह से अनेक दुर्लभ पक्षी धरती से हमेशा के…
अनेक जगहों पर अब भी छोटी बच्चियों को घरेलू सहायिका के रूप में काम पर रखा जाता है, तो छोटे…
मानवीय अर्थव्यवस्था में गरीब कल्याण, श्रमिकों के साथ बेहतर व्यवहार, सामाजिक रूप से जागरूक निवेश, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा, आदि तत्त्व शामिल…
भारत में प्रतिवर्ष पैदा हो रहे करीब 34 लाख टन प्लास्टिक कचरे में से मात्र 30 फीसद पुनर्चक्रित हो पा…
दुनिया के विकासशील और कई विकसित देशों में पिछले तीस वर्षों से पीने योग्य साफ पानी तथा साफ हवा की…
पिछले वर्षों में देश की प्राथमिकताएं बदली हैं। अब पूंजीगत निवेश अधिक हो रहा है। मूलभूत आर्थिक ढांचे का निर्माण…
शर्मसार करने वाला ताजा राजनीतिक प्रकरण बिहार का है। अशिक्षा, गरीबी के चलते नेताओं को जनता को गुमराह करने में…
आर्थिक सुधारों का एक सच यह है कि इन्हीं के चलते आम भारतीयों के सपनों को पंख लगे, अन्यथा आजादी…
भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है, जिसका अनुमानित उपयोग प्रति वर्ष लगभग 251 घनमीटर है, जो कुल…
कुछ समय पहले आई पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की रपट के अनुसार भारत दूध उत्पादन में दुनिया में पहले पायदान…
आज सत्तारूढ़ दल यही मानता है कि विपक्ष का अर्थ केवल राहुल गांधी ही हैं, इसलिए सारा आरोप-प्रत्यारोप उनके ही…