
जब डोनाल्ड ट्रंप हावर्ड विश्वविद्यालय को एक मजाक बता रहे थे, उसे मूर्खता सिखाने वाला संस्थान करार दे रहे थे…
लोकतंत्र का हाल सच्चे प्रेम जैसा हो गया है। लैला-मजनू हो या रोमियो-जूलियट, दुनिया भर की मशहूर प्रेम कथाओं का…
आज के दौर में सभी दलों में ‘पार्टी अध्यक्ष’ अलंकारिक पद रह गया है। किसी भी राजनीतिक दल में उसकी…
जिस मुद्दे पर व्यवस्था मौन हो जाती है उस पर मुखर होना मुश्किल होता है। मामले में संस्थागत जांच शुरू…
औरंगजेब की निशानी मिटाने निकली जनता कुछ देर के लिए भूल सकती है कि थोक महंगाई दर पिछले साल के…
भारतीय राजनीति में न तो गरीबी नई है और न बेरोजगारी। नई है वह ‘रेवड़ी’ जो ‘राझां राझां कर दी…
याद करें, मनमोहन सिंह ने अमेरिका से परमाणु करार के लिए अपनी गठबंधन की सरकार तक को संकट में डाल…
अमेरिका में नौकरियों में छंटनियों का दौर शुरू हो चुका है। दुनिया भर में अनुसंधान व अन्य सेवाओं को लेकर…
एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि राजनीति में दो पक्षों में जब एक बहुत बुरा और दूसरा कम बुरा…
राहुल गांधी रोजगार की भाषा पर मेहनत करते रहें और जनता से संवाद करें। राहुल के सवालों का जवाब देने…
Stampede in Maha Kumbh: जिन मीडियाकर्मियों की जिम्मेदारी थी व्यवस्थागत कमजोरी सामने लाने की, वे इस बात से खुश थे…
कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसी आकर्षक स्थितियों जैसे देशों की बात तो छोड़ ही दीजिए हमारे युवा संघर्षरत देशों में नौकरी करने…