जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार (10 जुलाई) को हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र से आई भाग्य मणि भी बुरी तरह जख्मी हो गई थी। उन्हें कई जगह चोटें आई हैं। उनके इलाज के लिए सुरक्षाबलों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है। इसी हमले में जिंदा बची निर्मला बताती है कि उन्होंने सोमवार को अपनी बहन को खो दिया है। अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा कि बहन जी के जाने की पीड़ा में उन्हें अपने जख्म भी नहीं दिखाई दे रहे हैं। निर्मला ने अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा कि सोमवार को वो बस से अमरनाथ के लिए जा रहे थे। तभी अनंतनाग में कुछ आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरु कर दी। जब तक वो कुछ समझ पाते तब तक लाशें बिछ चुकी थी।
अनंतनाग जिला अस्पताल में भर्ती भाग्य मणि ने कहा, “हम बस में थे, तभी आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरु कर दी। बाहर काफी अंधेरा था हमें कुछ दिखाई नहीं दिया। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि बाहर क्या हो रहा है।” अस्पताल में भर्ती भाग्य मणि और निर्मला ने बताया कि हम लोगों ने अमरनाथ यात्रा के लिए साथ योजना बनाई थी। हमारे साथ महाराष्ट्र और गुजरात के अन्य लोग भी थे। हमारी योजना थी कि अमरनाथ के दर्शन के बाद हम वैष्णो देवी भी जाए। लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।
अस्पताल में निर्मला और भाग्यमणि की तरह और अन्य जख्मी यात्री भी दर्द से कराह रहे थे। कुछ यात्री बुरी तरह से जख्मी थे। वे लगातार अपने परिजनों को पुकार रहे थे। इनमें से अधिकाश जख्मी ऐसे थे, जिनके पैरों में गोली लगी हुई थी।
सुरक्षा बल ने बताया कि ये हमला साल 2000 के बाद से सबसे बड़ा आतंकी हमला था। बस में कुल 56 लोग सवार थे। जिसमें से 32 यात्री घायल हो गए और सात लोगों की मौत हो गई। उन्होंने इस हमले के पीछे आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया।
बस के बारे में सुरक्षाबलों ने कहा कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी और न ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसी वजह से आतंकियों ने बड़ी आसानी से इस बस को अपना निशाना बना लिया। सुरक्षाबलों का कहना है कि हमारे काफिले के साथ जो भी बस या ट्रक में यात्री होते हैं, उनकी सुरक्षा पुख्ता होती है। हमारी कोशिश होती है कि सुबह छह बजे बालटाल से वो निकल जाए और दोपहर 12 बजे तक जवाहर टनल को पार कर लें यानी जम्मू इलाके में दाखिल हो जाएं।
पुलिस के मुताबिक बस सोनमार्ग बालटाल से आ रही थी। तीर्थयात्री दर्शन करके वापस घर लौट रहे थे। पुलिस ने दावा किया है कि बस ड्राइवर ने नियमों का उल्लंघन किया। नियमानुसार शाम 7 बजे के बाद किसी भी यात्रा वाहन को हाईवे पर जाने की अनुमति नहीं है।

वहीं घायलों का हाल जानने के लिए अनंतनाग जिला अस्पताल में गवर्नर एनए वोहरा के साथ मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी पहुंची हुई थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह घटना काफी निंदनीय है। इस घटना में जिस भी अधिकारी की लापरवाही सामने आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी। (Live Update)

