आखिरकार रूस की फौजी ताकत के मुकाबले यूक्रेनी सेना का हौसला हार ही गया…जिस खैरसन के बचाने के लिए सात दिनों तक यूक्रेन की आर्मी, रूसी मिलिट्री से लोहा ले रही थी। उस पर रूसी झंडा लहराने लगा है। इस बात की पुष्टि खुद यूक्रेन ने की है कि खैरसन अब उसके कब्जे में नहीं रहा। सिर्फ इतना ही नहीं जंग का आठवां दिन राजधानी कीव और पोर्ट सिटी ओडिसा पर भी कयामत लेकर आया है। जहां पुतिन की सेना, मिसाइलों, बमों और टैंकों के जरिए लगातार आग बरसा रही है।