उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के लोगों को विंध्य एक्सप्रेस वे का उपहार दिया है। 320 किमी लंबाई वाले इस विंध्य एक्सप्रेस वे को प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ा जाएगा। महाकुंभ में हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इस मीटिंग में विंध्य एक्सप्रेस वे के अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को विस्तार देते हुए काशी से जोड़ा जाएगा। वहीं विंध्य एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लिंक एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा।
320 किमी विंध्य एक्सप्रेस वे के साथ ही 100 किमी के विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे पर भी सैद्धांतिक सहमति बनी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कनेक्टिविटी नेटवर्क को और ज्यादा मजबूत करने के लिए विकास कार्य चल रहा है। इसके साथ ही पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के लोगों के लिए एक्सप्रेस-वे बन रहा है।
MP-झारखंड और छत्तीसगढ़ से यूपी की बढ़ेगी कनेक्टिविटी
वहीं विंध्य एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे की बात करें तो इसके बन जाने से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड की कनेक्टिविटी भी अच्छी हो जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए विंध्य लिंक एक्सप्रेस वे चंदौली से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के अंतिम छोर गाजीपुर तक पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे को जोड़ेगा।
इसके साथ ही योगी कैबिनेट ने प्रयागराज में शास्त्री ब्रिज और यमुना पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाया बनाया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने प्रयागराज-चित्रकूट डेवलपमेंट जो के अलावा वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट जोन के रूप में घोषित किया गया है। इससे पहले भी साल 2019 में हुए अर्ध कुंभ मेले की कैबिनेट मीटिंग में गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर मोहर लगी थी।
प्रदेश वासियों को मिली ये भी सौगात
कैबिनेट की बैठक में युवाओं को टैबलैट बांटने के लिए भी स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा प्रदेश में 3 नए मेडिकल कॉलेज और 62 आईटीआई कॉलेज बनाने को लेकर भी सहमति बनी है।