Vehicle Insurance, Motor Vehicle Insurance: देश में लागू कानून के अनुसार भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए मोटर थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है। मोटर इंश्योरेंस ना होने पर आपको 2000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। हाल के वर्षों में पुरानी गाड़ियों और बाइक की मार्केट में तेजी से उछाल आया है। लोग पुराने वाहन खरीद तो लेते हैं लेकिन कुछ सावधानियां न बरतने पर उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है। इसकी सबसे बड़ी वजह ऑटो इंश्योरेंस है। अक्सर लोग वाहन के कागजातों को अपने नाम तो करवा लेते हैं लेकिन इंश्योरेंस को नहीं।

अक्सर हम पुरानी कार खरीदने के बाद कार के असली मालिक के नाम पर इंश्योरेंस पॉलिसी को अपने नाम पर नहीं करवाते इसका नुकसान एक्सीडेंट या चोरी के समय पर होता है। एक्सीडेंट या चोरी के बाद हम सिर्फ इस वजह से इंश्योरेंस क्लेम नहीं कर पाते क्योंकि इंश्योरेंस उसके नाम पर ही होता है जिससे आपने गाड़ी खरीदी थी।

ऐसे में इंश्योरेंस कंपनी के पास जाकर अगर इसका क्लेम करेंगे तो कंपनी आपको साफ-साफ मना कर देगी। सुप्रीम की गाइडलाइन के मुताबिक कार मालिक या अन्य कोई दूसरा व्यक्ति वाहन ड्राइव कर रहा हो तो कंपनी उसे इंश्योरेंस क्लेम के लिए मना नहीं कर सकती है। बर्शते इंश्योरेंस कार मालिक के नाम पर हो।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वाहन बीमा कंपनियां ऐसे वाहन को बीमा देने से मना नहीं कर सकती हैं। जिसे दुर्घटना के वक्त ​मालिक के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति चला रहा हो। दरअसल, बीमा कंपनियां किसी भी वाहन की दुर्घटना या चोरी हो जाने पर उसकी पूरी तरह से जांच पड़ताल करती है। जिसमें अगर दुर्घटना के समय वाहन के इंश्योरेंस नामक व्यक्ति के अलावा कोई अन्य वाहन चलाता पाया गया। तो कंपनी बीमा राशि के भुगतान को नहीं करती है। फिर चाहे चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस क्यों न हो।