केंद्र सरकार ने आधार एक्ट के तहत नए नियमों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। सरकार के फैसले के मुताबिक अब आधार में छपे 12 डिजीट वाले यूनिक आइडेंटिटी नंबर को जन कल्याण योजनाओं के अलावा अन्य सरकारी सेवाओं के लिए भी ‘स्वैच्छिक’ तौर पर लिंक किया जा सकेगा।

अधिसूचित नियमों के मुताबिक आधार का इस्तेमाल मौजूदा सरकारी सेवाओं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ कार्ड आदि मे ‘स्वैच्छिक’ तौर पर किया जा सकता है। सरकार का मानना है कि आधार को अन्य प्रोजेक्ट्स के साथ जोड़ने पर जन-जन तक तमाम सर्विसेज तेजी के साथ पहुंचेगी।

सरकार के इस फैसले पर एक सीनियर अधिकारी ने कारण बताते हुए कहा ‘मौजूदा समय में आधार के इस्तेमाल के दायरे को बढ़ाने की सच में जरूरत थी जो कि अबतक सीमित था। आधार का इस्तेमाल फिलहाल सब्सिडी योजनाओं में सरकारी फंड की लीकेज को रोकने के लिए हो रहा है। लेकिन मौजूदा समय में जरूरत है कि अन्य विभाग भी इसका इस्तेमाल लें जैसे की डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म आदि में।’

बता दें कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि केंद्र एवं राज्य सरकार की लाभकारी योजना और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा था कि पैन कार्ड बनाने और आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए भी आधार अनिवार्य किया जाए।

मालूम हो कि आधार कार्ड महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक माना जाता है। इसमें एक नागरिक की बॉयोमेट्रिक, मोबाइल नंबर, एड्रेस और अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज होती है। अलग-अलग सरकारी योजनाओं में आधार की मांग की जाती है। कई योजनाएं तो ऐसी हैं जिनमें अगर किसी के पास आधार न हो तो इसके तहत मिलने वाले तमाम फायदों को रोक लिया जाता है।