स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में मर्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.10 फीसद की बढ़ोतरी कर दी है। इससे बैंक के सभी तरह के लोन महंगे हो चुके हैं। बढ़े हुए 10 बेसिक प्वाइंट 15 अप्रैल 2022 से प्रभावी है। इस वृद्धि के बाद से एसबीआई के ग्राहकों को झटका लगा है, क्योंकि बैंक के होम लोन, कार लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। यानी कि अब ग्राहकों को लोन लेने पर अधिक EMIs भरनी होगी।
संशोधित MCLR इस प्रकार होगा
- ओवरनाइट के लिए 6.75
- एक महीने के लिए 6.75
- तीन महीने के लिए 6.75
- छह महीने के लिए 7.05
- एक साल के लिए 7.10
- दो साल के लिए 7.30
- तीन साल के लिए 7.40
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी बढ़ाए MCLR
बता दें कि इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने 12 अप्रैल, 2022 से प्रभावी अवधि के लिए फंड आधारित उधार दरों की सीमांत लागत (MCLR) 0.05 प्रतिशत बढ़ा दी थी। यानी कि अब BoB की MCLR एक साल की 7.35 फीसदी हो गई है। वहीं आरबीआई की ओर से भी रेपो रेट में भी बदलाव किया गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक साल की अवधि के लिए MCLR को बढ़ाकर 7.35 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, एक दिन, एक माह, तीन माह और छह माह के MCLRs को बढ़ाकर क्रमशः 6.50 फीसदी, 6.95 फीसदी, 7.10 फीसदी और 7.20 फीसदी किया है।
क्या होता है MCLR
एमसीएलआर वह न्यूनतम उधारी दर है, जिसके नीचे किसी बैंक को उधार देने की अनुमति नहीं है। वाणिज्यिक बैंकों के लिए उधार दरों को निर्धारित करने के लिए आधार दर प्रणाली को बदल दिया गया है, जो MCLR के आधार पर तय की जाती है। आरबीआई ने कर्ज के लिए ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए 1 अप्रैल 2016 को एमसीएलआर लागू किया था।
