RBI guidelines for atm transaction: बैंक खाताधारकों को एटीएम से लेन-देन पर छूट देते हैं। यह छूट शहरी, ग्रामीण और मेट्रो इलाकों में अलग-अलग होती है। कोई बैंक अपने खाताधारकों को महीने की पांच एटीएम ट्रांजेक्शन मुफ्त देता है तो कोई सात। इसके बाद की जाने वाली ट्रांजेक्शन के लिए बैंक पैसा वसूलता है। कई बार ऐसा होता है कि हम एटीएम में कैश निकासी या फिर कैश जमा करने जाते हैं लेकिन तकनीकी दिक्कत की वजह से हमारा काम अटक जाता है। ऐसे में इसे भी मुफ्त सेवा में नहीं गिना जाता।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की 2019 में जारी गाइडलाइन के मुताबिक अगर कोई ट्रांजेक्शन तकनीकी दिक्कत के चलते पूरी नहीं हो पाती तो इसे मुफ्त सेवा या ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाएगा। वहीं अक्सर ऐसा होता है कि खाताधारक एटीएम में कैश निकासी के लिए गया और मशीन में कैश ही नहीं होता और ट्रांजेक्शन फेल हो जाती है। इसे भी मुफ्त ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाता। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, शहरी सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सहित सभी वाणिज्यिक बैंकों पर यह नियम लागू होता है।
आरबीआई के मुताबिक अगर कोई ग्राहक एटीएम के जरिे चेक बुक रिक्वेस्ट डालता है तो इसे एटीएम से मुफ्त लेनदेन में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा एटीएम से बैलेंस चेक करना, टैक्स पेमेंट, फंड ट्रांसफर भी मुफ्त ट्रांजेक्शन में शामिल नहीं किया जाता।
इसके अलावा ऐसे ट्रांजेक्शन जो कि हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कम्युनिकेशन इश्यू आदि के चलते फेल होते हैं उन्हें भी मुफ्त ट्रांजेक्शन में नहीं जोड़ा जा सकता। इसका मतलब ग्राहक को बैंक की तरफ से जितने मुफ्त ट्रांजेक्शन की सुविधा मिली है वह बैंक की गलती से कम नहीं हो सकती।

