राशन कार्ड का उपयोग भारत में न सिर्फ राशन लेने के लिए ही उपयोग किया जाता है बल्कि महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। ऐसे में अभी भी देश में बहुत से लोगों के पास राशन कार्ड उपलब्‍ध नहीं है। जिस कारण से वे सरकार की ओर से दी जाने वाली राशन कार्ड पर योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

इसी के मद्देनजर सरकार की ओर से फर्जी राशन कार्ड को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 8 साालों में हिमालयी राज्‍यों में सबसे अधिक 6.46 लाख राशन कार्ड उत्तराखंड में पकड़े जा चुके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर असम में 3 लाख 40 हजार 831 राशन कार्ड फर्जी या जाली होने के कारण रद्द हुए।

राज्‍यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब के मुताबिक, पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश से सटे उत्तराखंड में फर्जी राशन कार्ड बड़ी संख्या में पकड़े जा चुके हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्‍योंकि पिछले आठ साल से केंद्र सरकार की ओर से सत्‍यापन कार्य किया जा रहा है, जिसमें फर्जी राशन कार्ड पकड़े जा चुके हैं। वहीं अपनी आबादी के हिसाब से उत्तरप्रदेश में आठ साल के दौरान 1 करोड़ 70 लाख 75 हजार 301 राशन कार्ड फर्जी होने की वजह से रद्द हुए। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे 4.28 करोड़ जाली राशन कार्ड रद्द करने की सूचना मिली है।

क्‍यों रद्द हुए ये राशन कार्ड
इसके पीछे कई वजह सामने आई है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश (टीपीडीएस) के तहत जो राशन कार्ड योग्‍यता से बाहर पाए गए थे, उन्‍हें रद्द कर दिया गया है। वहीं राशन कार्ड को आधार से लिंक करने, बायोमैट्रिक प्रणाली से राशन वितरण शुरू होने से भी फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आए हैं।

कभी न करें ये गल‍तियां
राशन कार्ड बनवाते वक्‍त विशेष ध्‍यान देना चाहिए, कभी भी ऐसी जगह से राशन कार्ड न लें जो आपसे अधिक पैसा ले रहा हो। साथ ही उसका कोई प्रमाणीकरण भी न हो। इसके अलावा फर्जी तरीके से राशन कार्ड के लिए अप्‍लाई कराया गया हो।