राजस्थान सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘राजस्थान कृषक सम्मान पेंशन योजना’ का उद्देश्य उन बुजुर्ग किसानों को आर्थिक सहारा देना है जो लघु या सीमांत श्रेणी में आते हैं और खेती ही उनकी मुख्य आजीविका रही है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर महीने 1150 रुपये की पेंशन दी जाती है। यानी एक साल में 13,800 रुपये की मदद सीधे उनके खाते में भेजी जाती है।

यह योजना राज्य के बुजुर्ग किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के साथ ही उनके लिए एक सहारे की तरह है। इससे उन्हें परिवार के सहारे से अलग अपने जीविकोपार्जन में मदद मिलती है।

किन्हें मिलता है योजना का लाभ?

यह योजना राजस्थान के स्थायी निवासियों के लिए है।

  • महिलाएं यदि 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र की हैं, तो वे इसकी पात्र हैं।
  • पुरुषों के लिए यह सीमा 58 वर्ष या उससे अधिक उम्र रखी गई है।

लेकिन केवल उम्र की शर्त ही काफी नहीं है। किसानों की भूमि का आकार भी इस योजना में पात्रता तय करता है। लघु या सीमांत श्रेणी में आने के लिए किसान के पास जिले के अनुसार तय सीमा से ज़्यादा जमीन नहीं होनी चाहिए।

भूमि की अधिकतम सीमा (जिलेवार):

जिलासिंचित भूमि (हे.)असिंचित भूमि (हे.)
जैसलमेर, बाड़मेर1.5010.00
बीकानेर, नागौर, जालौर, पाली, चूरू, जोधपुर</td>1.507.00
झुंझुनूं, अजमेर, डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा1.503.00
अन्य जिले1.002.00

ऐसे करें आवेदन

यह योजना पहले से चल रही है। जिन किसानों को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिला है, वे इसका लाभ पाने के लिए राजस्थान सरकार की ‘ई-मित्र सेवा’, ‘जन सेवा केंद्र’ या ‘स्थानीय पंचायत कार्यालय’ से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी दस्तावेजों में उम्र का प्रमाण, निवास प्रमाण पत्र और भूमि की जानकारी शामिल होती है।

कौन नहीं है पात्र?

अगर कोई व्यक्ति पहले से राजस्थान सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा पेंशन, या विशेष योग्यजन पेंशन ले रहा है, तो वह इस योजना में पात्र नहीं होगा, भले ही उसकी उम्र या भूमि की स्थिति सही हो।

राजस्थान सरकार की इस पेंशन योजना का मकसद प्रदेश के बुजुर्ग किसानों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इससे बुजुर्गों को खेती के बाद के जीवन में आत्मनिर्भर रहने में मदद मिलती है।