किसी जरूरी काम के लिए Permanent Account Number (PAN) दे रहे हैं, तो थोड़ा सावधान रहिएगा। आपको एक छोटी सी गलती बेहद महंगी पड़ सकता है। जरा सी भूल-चूक या फिर हड़बड़ी में अगर 10 डिजिट वाला अल्फान्यूमैरिक पैन गलत हो गया, तब इस स्थिति में आवेदक को 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 272B के तहत अगर कोई गलत पैन देते पकड़ा जाता है, तब आयकर विभाग उस पर 10 हजार रुपए तक की पेनाल्टी लगा सकता है। यह प्रावधान तब भी लागू होता है, जब कोई व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न के लिए फाइलिंग करता है या फिर किसी वित्तीय लेन-देन के लिए अपने नंबर की जानकारी दे रहा होता है।

आयकर विभाग के पास एक ऐसी सूची भी है, जिसमें कुछ मामलों/स्थितियों (20 से कम) में PAN अनिवार्य है। मसलन बैंक खाता खोलना, मोटर व्हीकल खरीदना, म्यूचुअल फंड लेना, शेयर, डिबेंचर और बॉन्ड्स आदि में निवेश (50 हजार रुपए से अधिक) करना।

एक बार PAN कार्ड आवंटित हो गया, तब कोई भी उसके लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकता। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक पैन कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है। यह उस स्थिति में भी नहीं बदलता है, जब आवेदक अपना पता बदल देता है। चूंकि, पैन में एड्रेस का जिक्र नहीं होता है।

आमतौर पर बैंक पैन की फोटोकॉपी मांगते हैं। ऐसे में अगर आवेदक/आप खाता खोलने वाले फॉर्म में गलत पैन नंबर दे देते हैं, तब बैंक पैन की फोटोकॉपी से उसे वेरिफाई करेगा। फिर भी अगर आप पैन नहीं सही दे सके, तब आपके पास पैन की जगह पर आधार संख्या देने का विकल्प होगा। कारण- ये दोनों दस्तावेज इंटरचेंजेबल हैं। यानी ये दोनों एक दूजे की जगह इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

क्या होगा, जब किसी के पास होंगे दो पैन?: किसी भी व्यक्ति के पास पैन कार्ड की कई प्रतियां/कॉपी हो सकती हैं, पर उसके नाम से आवंटित विभिन्न पैन नंबर नहीं हो सकते। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 272B के मुताबिक, अगर इस स्थिति में कोई धरा जाता है, तब उस पर 10,000 हजार रुपए का जुर्माना लगता है। फिर भी लोगों को सलाह दी जाती है कि अगर उनके पास दो पैन हैं तो वे उसे जल्द से जल्द सरेंडर कर दें।