बिना पिन डाले क्रेडिट या डेबिट कार्ड से शॉपिंग करने की सुविधा आपको सहूलियत और खुशी देती है लेकिन अक्सर मन में ये सवाल भी उठता है कि क्या से सुरक्षित ट्रांजैक्शन है। इस तरह तो कोई भी मेरे कार्ड का इस्तेमाल बिना पिन जाने भी कर सकता है। इस तरह की कार्ड स्वैपिंग और ट्रांजैक्शन को कॉन्टेक्टलेस पेमेंट कहा जाता है। आइए जानते हैं कितना सुरक्षित है ये पेमेंट सिस्टम और आरबीआई की क्या है गाइड लाइंस:
आप शॉपिंग करने गए और पेमेंट के वक्त दुकानदार को अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड दिया। उसने PoS मशीन में कार्ड डालने की बजाए सिर्फ टच कर दिया और आपका पेमेंट हो जाता है। यानी पासवर्ड भी डालने की जरूरत नहीं पड़ी। इसे ही कॉन्टेक्टलेस पेमेंट सिस्टम कहते हैं। कई बार जब आप पासवर्ड भूल गए हों तब तो ये बहुत अच्छा लगता है लेकिन आखिर कितना सुरक्षित है ये बिना पिन डाले पेमेंट?
दरअसल रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2015 में ही इसके बारे में नोटिफिकेशन जारी किया था। उसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि 2000 रुपये से कम के पेमेंट के लिए ग्राहकों को पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उस दौरान अधिकांश लोगों के पास वो डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड नहीं था जिसमें मैगनेटिक चिप लगा हो। न ही चिप रीडर पीओएस मशीन ज्यादा थे। इसलिए उस दौर में इस तरह का पेमेंट फीचर प्रचलित नहीं था। लेकिन अब ज्यादातर एटीम कार्ड और पीओएस मशीने चिप बेस्ड ही हो गए हैं।
किन कार्ड में है ये सुविधा: अब सभी बैंक चिप लगे हुए कार्ड ही जारी करते हैं। ऐसे में अगर आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड में यह सुविधा होगी तो कार्ड के ऊपर दायीं तरफ वाई-फाई नेटवर्क जैसा लोगो दिखेगा।
क्या होता है चिप: अब सभी तरह के क्रेडिट या डेबिट कार्ड में एक चिप लगा होता है। इसके साथ में मैगनेटिक स्ट्रिप और NFC एंटीना भी होता है। NFC एंटीना ही कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन में काम आता है। चिप का इस्तेमाल POS मशीन से स्वाइप करने और एटीएम से कैश निकालने में होता है।