देशभर में बढ़ते कोरोना संकट के बीच IIT Kanpur के प्रोफेसर और गणितज्ञ मनिंद्रा अग्रवाल ने तीसरी लहर को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उन्‍होंने कहा, ‘देशभर में चल रही कोरोनावायरस की तीसरी लहर बहुत जल्‍द अपने पीक पर पहुंचने वाली हैं। मिड जनवरी तक जब यह लहर अपने पीक पर पहुंचेगी तब एक दिन में 8 लाख नए कोरोना केस तक सामने आ सकते हैं। यह आंकड़ा पिछली कोरोना लहर से दोगुना होगा। देशभर में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ेंगे, लेकिन पीक सबसे पहले मुंबई और दिल्‍ली में आएगा।’

इंडियन एक्‍सप्रेस से बात करते हुए मनिंद्रा अग्रवाल ने कहा कि हमने तीसरी लहर को लेकर जो प्रोजेक्‍शन किया है, वह मौजूदा कैल्‍कुलेशन के आधार पर है। हालांकि, इसमें पूरे देश का डाटा शामिल नहीं है। प्रोफेसर मनिंद्रा अग्रवाल ने कहा, ‘देशभर में तीसरी लहर का पीक अगले महीने या उससे थोड़ा पहले आ सकता है। अभी तक के हिसाब से देाा जाए तो हमारा प्रिडक्‍शन प्रतिदिन 4 से 8 लाख नए केस आने का है। देशभर से मामले सामने का सिलसिला अब रफ्तार पकड़ रहा है, इसे नीचे आने में कम से कम एक महीने का वक्‍त लगेगा। मतलब मार्च के मध्‍य में जाकर इसकी रफ्तार पर ब्रेक लगेगा।’

कई रिसर्चर्स के साथ मिलकर ‘सूत्र कम्‍प्‍यूटर मॉडल’ चलाने वाले प्रोफेसर मनिंद्रा अग्रवाल से इंडियन एक्‍सप्रेस के आइडिया एक्‍सचेंज कार्यक्रम में जब पूछा गया कि क्‍या चुनावों की वजह से कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ी है? इसके जवाब में उन्‍होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि चुनावी रैलियों की वजह से कोरोना के मामले नहीं बढ़ रहे हैं। निश्चित तौर पर चुनावी रैलियों से ऐसा हो रहा है। लेकिन अन्‍य कारणों की भी एक लंबी लिस्‍ट है, चुनावी रैलियां इनमें से एक फैक्‍टर हैं। हमने जो नोटिस किया है उसके हिसाब से देखें तो अगर हम चुनावों को अलग भी रख दें तो भी परिस्थिति कुछ खास बदलती नहीं दिख रही है।’

चुनावों को लेकर प्रोफेसर मनिंद्रा अग्रवाल ने जो विश्‍लेषण किया है वह पिछले साल 16 राज्‍यों में कोरोना की स्थिति का अध्‍ययन के आधार पर किया है। इन 16 राज्‍यों में वे पांच राज्‍य भी शामिल हैं, जिनमें दूसरी कोरोना लहर से ठीक पहले चुनाव हुए थे। प्रोफेसर मनिंद्रा अग्रवाल ने बताया, ‘हमने उन पांच राज्‍यों के आंकड़ों को लिया जहां चुनाव हुए थे और इनकी तुलना उन 11 राज्‍यों से की, जहां पर चुनाव नहीं हुए थे। ऐसा करने पर हमें पता चला कि दोनों ही जगहों पर स्थिति में कोई ज्‍यादा अंतर देखने को नहीं मिला।’

मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा, ‘जब पैरामीटर्स एकदम तेजी के साथ बदल रहे हों तब प्रोजेक्‍शन करना बहुत ही कठिन हो जाता है, लेकिन हां एक बात मैं कह सकता हूं कि मुंबई में तीसरी लहर का पीक जनवरी के मध्‍य तक आ जाएगा, जो कि ज्‍यादा दूर नहीं है। कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्‍ली की भी नजर आ रही है। कोलकाता को लेकर थोड़ा असमंजस है, लेकिन यहां पर भी इसी टाइम के आसपास तीसरी लहर का पीक आना चाहिए।’