प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब एक और नियम सरकार की ओर से लागू किया जा रहा है। इस नियम के अनुसार अब सभी वाहन मालिकों को केवल ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्‍टेशनों (Automated Testing Station) से ही वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। यानी कि अब किसी और जगह से लिया गया वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट (Vehicle Fitness Certificate) मान्‍य नहीं किया जाएगा। सरकार ने इस नियम को शुरू करने के लिए 1 साल का समय दिया है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी की है। जिसके अंतर्गत परिवहन वाहनों के लिए केवल एक पंजीकृत स्वचालित परीक्षण स्टेशन के माध्यम से फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। सरकार इस नियम को अगले साल से लागू करेगी।

किन वाहनों पर कब से होगा नियम लागू
अधिसूचना के अनुसार, भारी माल वाहनों या भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए ऐसा सत्यापन 01 अप्रैल 2023 से और मध्यम माल वाहन या मध्यम यात्री मोटर वाहन और हल्के मोटर वाहन के लिए 01 जून 2024 से अनिवार्य किया जाएगा।

मंत्रालय ने मांगा था परामर्श
मंत्रालय ने पहले नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखते हुए एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी और अंतिम अधिसूचना जारी करने से पहले परामर्श और आपत्तियां या सुझाव देने के लिए 30 दिनों का समय दिया था। जिसके बाद नए नियम के लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है। बता दें कि वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए बनाया गया नियम आठ साल तक के वाहनों के लिए दो साल और आठ साल से पुराने वाहनों के लिए एक साल के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र प्रदान करता है।

क्‍या होगा असर
इस नियम के लागू होने से प्रदूषण वाले वाहनों की संख्‍या में कमी आ सकती है। साथ ही ऐसे वाहन जो काफी पुराने हैं, फिर भी फर्जी तरीके से चल रहे हैं, इनकी संख्‍या में भी कमी आएगी। साथ ही नए नियम के लागू होने से जाम जैसी समस्‍या भी कम हो सकती है।