नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे प्रदेश का महत्वपूर्ण भाग है। ये एक्सप्रेस वे दोनों शहरों को ही नहीं जोड़ता बल्कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की भी सीधी कनेक्टिविटी भी करता है। इस एक्सप्रेस वे पर हर रोज करीब 10 लाख वाहनों का आवागमन होता है। ये एक्सप्रेस वे प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आगरा को स्पीड प्रदान करता है इस वजह से नोएडा एक्सप्रेस वे पर अधिकांश विदेशी प्रतिनिधि आने-जाने के लिए प्रयोग करते हैं।
नोएडा एक्सप्रेस वे को सुंदरीकरण प्रदान करना प्रदेश और नोएडा प्राधिकरण की छवि को दिखाती है, लेकिन उद्यान विभाग में तैनात अधिकारी इस बात को समझ नहीं पर रहे थे। जिसके बाद प्राधिकरण के सीईओ ने इसका विकल्प निकाल दिया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे का 22.5 किमी लंबा हिस्सा नोएडा में पड़ता है। इस एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ उद्यान संबंधित सुंदरीकरण का काम करने के जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी को देने पर सहमति बनी है।
कंपनी की कार्ययोजना को देखकर दिया जाएगा
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ उद्यान और बागवानी संबंधित सुंदरीकरण पर काम होना है। इसका काम एक प्राइवेट कंपनी को सौंपा जाना है। ये काम कंपनी को उसके विजन को देखने के बाद अवार्ड किया जाना है। कंपनी को बेहतर काम करना होगा अन्यथा इस कार्य के लिए पुनः: आरएफपी जारी की जाएगी।
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सीईओ लोकेश एम ने बताया कि नोएडा सेक्टर 125 के आगे एक्सप्रेस वे दोनों तरफ सुंदरीकरण काफी कम है। जबकि ये एक्सप्रेस वे प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण लिंक रोड है। इस एक्सप्रेस वे से गुजरने वाले डेलीगेट को स्वच्छता और सुंदरता के बारे में पता चलेगा। उनको लगेगा कि वो ऐसे प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं। जो स्वच्छता, निवेश और सामरिक क्षमता से भरा हुआ है। इसके लिए एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ आकर्षण को बढ़ावा देना पड़ेगा। इस कार्य के लिए जिस कंपनी का चयन किया जाएगा वो प्राधिकरण के सामने अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करेगी। ऐसे में जब प्राधिकरण को ये पसंद आएगा तो उसको धरातल पर उतारने का काम होगा।