नीति आयोग ने शुन्‍य कार्बड उत्‍सर्जन के लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए एक और कदम बढ़ा चुका है। आयोग ने स्‍वैपिंग बैट्री पॉलिस जारी की है। इसके तहत हर उस शहर में स्‍वैपिंग बैट्री की सुविधा दी जाएगी, जहां पर 5 लाख से अधिक लोग रहते हैं। बैटरी स्वैपिंग नीति की घोषणा पहली बार केंद्रीय बजट 2022 के भाषण में की गई थी।

NITI Aayog ने फरवरी 2022 में बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी तैयार करने के लिए मंत्रालय में इसकी चार्च की थी। इस चर्चा के बाद, NITI Aayog ने बैटरी स्वैपिंग ऑपरेटर्स, बैटरी मैन्युफैक्चरर्स, व्हीकल ओईएम, फाइनेंशियल का प्रतिनिधित्व करने वाले हितधारकों के व्यापक स्पेक्ट्रम के साथ प्री-ड्राफ्ट स्टेकहोल्डर संस्थान, सीएसओ, थिंक टैंक और अन्य विशेषज्ञ से भी जानकारी मांगी थी।

क्‍या है स्वैपिंग बैट्री
बैट्री स्वैपिंग एक ऐसा विकल्प है, जिसमें चार्ज की गई बैट्री के लिए डिस्चार्ज की गई बैट्री से बदला जाता है। स्‍वैपिंग बैट्री विकल्‍प होने से वाहनों की लागत और ईंधन का खर्च भी कम आता है। स्‍वैपिंग बैट्री का उपयोग छोटे वाहनों जैसे 2 और 3-व्हीलर के लिए किया जाता है। ऐसा इ‍सलिए, क्‍योंकि इसे बदलना आसान होता है।

स्‍वैपिंग बैट्री पॉलिसी

  • ईवी की लागत और बैट्री की कीमत को कम करने के लिए उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के साथ बैट्रियों की अदला-बदली को बढ़ावा देना, ताकि ईवी को बढ़ावा मिले।
  • चार्जिंग की सुविधा के तौर पर विकास को बढ़ावा देना ताकि लोगों को चार्जिंग की समस्‍या का सामना न करना पडे।
  • स्‍वैपिंग बैट्री वाले विकल्‍पों को भी बाजार में स्‍थान देने के लिए ताकि लोगों को और सुविधाएं मिल सके।
  • बैट्री स्वैपिंग पारिस्थितिकी तंत्र को जोखिम से मुक्त करने के लिए नीति और नियामक लीवर का लाभ उठाएं।
  • बैट्री देने वाली कंपनी, बैटरी ओईएम और अन्य संबंधित भागीदारों जैसे बीमा/वित्तपोषण के बीच साझेदारी को प्रोत्‍साहित करने के लिए।
  • अंतिम उपयोगकर्ताओं को एकीकृत सेवाएं प्रदान करना।
  • लंबे समय तक बैट्री चलने को बढ़ावा देना, जिसमें उनके उपयोग करने योग्य जीवनकाल के दौरान बैट्री का अधिकतम उपयोग और बैट्री को रीसाइक्लिंग शामिल है।

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बैट्री स्वैपिंग से तीन प्रमुख फायदे समय, स्थान और लागत-दक्षता मिलते हैं। इसके अलावा, बैटरी स्वैपिंग ‘सेवा के रूप में बैटरी’ जैसे अभिनव और टिकाऊ व्यापार मॉडल के लिए एक समान अवसर प्रदान करती है।

गौरतलब है कि सरकार ने पहले ही देश में ईवी सेगमेंट को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्‍साहित कर रहा है। इसके तहत सरकार द्वारा उन्नत सेल (ACC) बैट्री स्टोरेज (NPAC) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए फेम I व II और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी योजनाएं शुरू की गई है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी ईवी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए स्‍थानीय नीतियों की पेशकश कर रही है।