आप अगर क्रेडिट या डैबिड कार्ड का उपयोग कर रहे हैं तो आपको यह जान लेना जरुरी है कि कि नए साल पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट का तरीका बदलने वाला है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से यह नियम को लागू किया जा रहा है। RBI ने ऑनलाइन भुगतान को और सुरक्षित बनाने के लिए सभी वेबसाइट और भुगतान गेटवे द्वारा स्टोर किए गए ग्राहकों के डेटा को हटाने को कहा है। इसके अलावा इसके स्थान पर लेनदेन करने के लिए एन्क्रिप्टेड टोकन का इस्तेमाल किया जाएगा।
आरबीआई ने क्या कहा?
आरबीआई ने मार्च 2020 में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि व्यापारियों को डेटा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनी वेबसाइटों पर कार्ड की जानकारी को सहेजने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही अगर पहले से भी जानकारी स्टोर है तो वह डिलिट हो जाएगी। सितंबर 2021 में नए दिशा-निर्देश के अनुसार कंपनियों को साल के अंत तक नियमों का पालन करने और उन्हें टोकन का विकल्प देने का अवसर मिला है।
क्या कहता है नया नियम
वर्तमान में डेबिट या क्रेडिट का उपयोग करते हैं, तो आपको कार्ड के 16 नंबर, कार्ड की समाप्ति तिथि, सीवीवी के साथ-साथ वन-टाइम पासवर्ड या लेनदेन पिन जैसी जानकारी देनी होती है। लेकिन 1 जनवरी, 2022 से ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको या तो 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स डालनी होगी या फिर टोकनाइजेशन के विकल्प को चुनना होगा।
टोकनाइजेशन क्या है?
टोकनाइजेशन वास्तविक कार्ड विवरण को “टोकन” नामक एक यूनिक कोड के साथ बदलता है। यह टोकन कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता और डिवाइस के प्रत्येक संयोजन के लिए अलग- अलग होता है। टोकनाइजेशन हर कार्ड, टोकन रिक्वेस्टर और मर्चेंट के लिए यूनीक होगा। टोकन क्रिएट हो जाने पर टोकनाइज्ड कार्ड डिटेल्स को वास्तविक कार्ड नंबर की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।
1 जनवरी 2022 से क्या बदलेगा
जनवरी के बाद से, जब आप किसी मर्चेंट को पहला भुगतान करते हैं, तो आपको प्रमाणीकरण के एक अतिरिक्त कारक (AFA) के साथ उसे अपनी सहमति देनी होगी। एक बार हो जाने के बाद, आप अपने कार्ड के सीवीवी और ओटीपी को दर्ज करके भुगतान पूरा कर पाएंगे।