पश्चिम यूपी के सफर को आसान करने के लिए एक 1620 करोड़ की लागत से एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। खंदौली से अलीगढ़ के लिए बनने वाले इस एक्सप्रेस वे को यमुना एक्सप्रेस वे से सीधे जोड़ा जाएगा। अभी वर्तमान में इसे फोर लेन बनाने की तैयारी चल रही है। भविष्य में इसे 6 लेन करने की तैयारी भी है। इस साल 2025 में जून से इस एक्सप्रेस वे का काम शुरू होगा। इसको लेकर फरीदाबाद और गाजियाबाद की कंपनियों को टेंडर मिला है। इस एक्सप्रेस-वे को दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मई से शुरू होगा मिट्टी टेस्टिंग का काम
65 किलोमीटर लंबे बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए 390 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। अलीगढ़ स्थित नेशनल हाईवे-91 से लेकर असरोई हाथरस तक पहले चरण में इसपर काम होगा। 28 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपये की लागत लगेगी। पहले चरण को लेकर मिट्टी नमूने का कार्य मई में ही शुरू होगा जबकि निर्माण कार्य जून से शुरू होगा।
जेवर एयरपोर्ट के लिए आना जाना भी हो जाएगा आसान
दूसरे चरण में 37 किमी लंबे एक्सप्रेस वे के लिए 820 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जो असरोई हाथरस से होते हुए खंदौली यमुना एक्सप्रेस वे में जाकर मिलेगी। दूसरे चरण के काम का ठेका जेएसपी प्रा. लि. गाजियाबाद को मिला है। ये कंपनी जून में निर्माण कार्य शुरू करेगी। जबकि मिट्टी के नमूने लेने का कार्य मई में ही चालू हो जाएगा।
इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से हाथरस और अलीगढ़ के लोगों को जेवर एयरपोर्ट का वैकल्पिक रास्ता मिल जाएगा। इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से अलीगढ़ से लेकर पश्चिम यूपी के कई शहरों के विकास में तेजी आएगी। यह एक्सप्रेसवे अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर को खंदौली यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ेगा।
जाम से भी मिलेगी मुक्ति
वर्तमान में हाथरस से अलीगढ़ पहुंचने में ढाई से तीन घंटे का समय लगता है और 85 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से 65 किमी की दूरी तय करने में महज 60 मिनट का समय लगेगा। साथ ही इसके बन जाने से लगने वाले लंबे जाम से मुक्ति मिलेगी।