कोरोना संकट के बीच कंपनियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। बिजनेस पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव को देखते हुए कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। कर्मचारियों के बीच संकट के इस माहौल में घबराहट है। नौकरीपेशा को डर सता रहा है कि कहीं उनकी कंपनी भी छंटनी न कर दें। अगर आपकी कंपनी ने छंटनी की सूचना दे दी है तो आपके भविष्य के कुछ दिनों के खर्च के लिए कंपनियों की तरफ सेवरेंस पैकेज दिया जा सकता है।
यानी कि जब तक आप अगला जॉब जॉइन नहीं करते, खर्च चलाने को इस पैकेज से मदद मिलेगी। सेवरेंस पैकेज कंपनी से निकालने पर कंपनी द्वारा दिया जाने वाला भुगतान होता है। भारत में मौजूदा कई कंपनियां इस पैकेज को कर्मचारी को देती हैं लेकिन बहुत कंपनियां इसे नहीं नहीं देती। इस पर कोई दिशा-निर्देश या नियम नहीं है। यानी कि सेवरेंस पेमेंट की शर्तें आम तौर पर कंपनी द्वारा तय की जाती है ऐसे में यह कंपनी पर ही निर्भर करता है कि वे कर्मचारी को पेमेंट दे या नहीं।
विदेश में इसे लेकर काफी सख्त नियम हैं और कंपनियां कर्मचारियों को इसका फायदा देती हैं। बात करें सेवरेंस पैकेज में एक कर्मचारी को कितना अमाउंट दिया जा सकता है तो यह एक वन-टाइम पेमेंट हो सकती है या फिर कर्मचारी की मौजूदा सैलरी के हिसाब से तय होती है।
सेवरेंस पैकेज पर इनकम टैक्स भी लगता है। आईटी ऐक्ट के सेक्शन 17(3) के तहत कर्मचारी की पेमेंट से इसका भुगतान होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक प्रॉफिट की कैटिगरी में गिना जाता है। टैक्स की व्यवस्था उस सूरत में भी लागू होगी जब कंपनी बंद हो जाए। यानी कि कर्मचारी को जिस भी तरह से सेवरेंस पैकेज मिलेगा उसपर टैक्स लगेगा।