कोरोनावायरस COVID-19 महामारी और लॉकडाउन की दोहरी मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रेलवे ने अबतक 2,800 से भी अधिक श्रमिक ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है। इन ट्रेनों के संचालन से लाखों श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया जा चुका है। रेल मंत्री ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए यह भी बताया कि रेलवे जल्द ही और 2600 ट्रेनों का संचालन करने की तैयारी कर रहा है। अगले 10 दिनो ऐसी ही 2,600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने जा रहा है।
बता दें कि रेल मंत्रालय यूपी और बिहार के लिए अतिरिक्त ट्रेन चलाने की तैयारी में है। एक जून से चलने वाली 200 ट्रेनों के अलावा रेलवे जल्द अन्य ट्रेनों को इन दो राज्यों में भेजेगा। इसके पीछे वजह है यात्रियों की संख्या और ट्रेनों में सीटों की भारी बुकिंग। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है कि टिकट बुकिंग की मॉनिटरिंग की जा रही है हमें जिस राज्य के लिए सबसे ज्यादा बुकिंग होगी वहां ट्रेनों की संख्या को बढ़ा दिया जाएगा।

Highlights
भारतीय रेल मंत्रालय द्वारा अगले 10 दिनों में 2600 ट्रेनों से करीब 36 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का प्लान है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन का शेड्यूल कुछ इस तरह जानें-
भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान कोरोना से बचने के लिए इन जरूरी चीजों को तैयार किया है:
पीपीई के 1.2 लाख कवरॉल
1.4 लाख लीटर सैनिटाइजर
20 लाख पुन: प्रयोज्य फेस मास्क / कवर
रेलवे मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों के लिए स्टेशनों पर सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, खानपान और अन्य व्यवस्थाओं का वीडियो जारी किया है।
बिहार के छात्रों और प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रेल रवाना। भारतीय रेल मंत्रालय ने ट्विटर के जरिए बताया कि, 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन द्वारा प्रवासी मजदूरों, विद्यार्थी आदि को लेकर मध्य प्रदेश के हबीबगंज से अररिया (बिहार) को रवाना हुई।'
शनिवार को रेलवे की ओर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। पश्चिम रेलवे के मुंबई स्थित वसई रोड स्टेशन से 21 मई की शाम 7.20 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर के लिए रवाना हुई। लेकिन यह ट्रेन गोरखपुर की जगह 23 मई को दोपहर ओडिशा के राउरकेला होते हुए झारखंड के गिरिडीह पहुंच गई। पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी गजानन महतपुरकर के मुताबिक, सभी रूटों पर एक साथ कई श्रमिक विशेषष ट्रेनें चलने के कारण कुछ ट्रेनों के रूट बदले गए हैं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि कोरोनावायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में भी अब तक कुल 26 लाख से ज्यादा यात्री रेलवे में सफर कर एक राज्य से दूसरे राज्य सुरक्षित पहुंच चुके हैं।
शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस कर अहम जानकारी साझा करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया है कि सारे स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। अगले 10 दिनों में 2600 ट्रेन चलाने की योजना है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि रेल यात्रा के दौरान यात्रीयों को कोई असुविधा ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही यात्रा के दौरान सुरक्षा मानको का भी पालन किया जा रहा है। इससे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने भी कह चुके हैं कि यात्रा के दौरान कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रेल मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वे स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर राज्य को पहले से सूचित करें और इसके साथ ही यात्रियों की डिटेल साझा करे। सीएम के अनुसार, मुंबई से एक स्पेशल ट्रेन 22 मई को तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना हुई लेकिन राज्य को इसके बारे में जानकारी ही नहीं दी गई।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को जानकारी दी कि अबतक 2,800 से भी अधिक श्रमिक ट्रेनों का परिचालन कर लाखों श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया जा चुका है।
श्रमिक ट्रेनों के जरिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अबतक एक लाख प्रवासी मजदूर पहुंच चुके हैं। मजदूरों को 110 ट्रेनों के जरिए वाराणसी लाया जा रहा है। गुजरात के साथ ही तेलंगाना, मुंबई, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, देहरादून और बिहार से प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य आ रहे हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव ने कहा है कि रेलवे 5,200 कोचों में से लगभग 50 प्रतिशत कोच का इस्तेमाल कोरोनोवायरस रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने के लिए करेगा। अगर जरूरत पड़ी तो इन कोचों को फिर आइसोलेशन वार्ड की तरह इस्तेमाल किया जाए सकेगा।
बेंगलुरु से 1,450 श्रमिकों को लेकर गुरुवार को निकली एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन को बस्ती जाना था लेकिन वह गाजियाबाद पहुंच गई। जिसके बाद यात्रियों को काफी परेशानी हुई और वे 20 घंटे तक भूख से परेशान रहे। दरअसल यात्रियों रूट में बदलाव की जानकारी नहीं दी गई थी। ट्रेन को सिकंदराबाद, नागपुर, इटारसी (एमपी), झांसी, कानपुर और लखनऊ होते हुए बस्ती पहुंचना था।
रेलवे ने एक मई से अब तक 2,600 श्रमिक विशेष ट्रेन से 36 लाख प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाया है। आधिकारिक आंकडों में यह जानकारी दी गई।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को रेल मंत्रालय से अनुरोध किया कि वे स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर राज्य को पहले से सूचित करें और इसके साथ ही यात्रियों की डिटेल साझा करे। सीएम के अनुसार, मुंबई से एक स्पेशल ट्रेन 22 मई को तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना हुई लेकिन राज्य को इसके बारे में जानकारी ही नहीं दी गई।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पश्चिम बंगाल सरकार को घेरते हुए कहा है कि पिछले 22 दिन में रेलवे ने 35 ट्रेनों के जरिए 50 हजार लोगों को बंगाल भेजा गया है। यह बंगाल में अपने घरों को जाने की मांग रखने वालों का सिर्फ एक छोटा हिस्सा है। गोयल ने बंगाल की ममता सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ उन्होंने श्रमिक ट्रेन्स के संचालन पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। गोयल ने कहा कि अब तक कुल चलाई गईं श्रमिक ट्रेनों में से 50 फीसदी यूपी गई हैं।
कर्नाटक से बिहार के दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे यात्रियों ने खाना और पानी ने मिलने पर स्टेशन पर ही जमकर विरोध किया। यात्रियों ने आरोप लगाया कि इतने लंबी यात्रा के दौरान रेलवे की तरफ से न तो खाना दिया गया और न ही पानी दिया गया। यात्रियों ने कहा कि किसी भी स्टेशन पर गाड़ी नहीं रोकी जाती जिसकी वजह से हमें भूखा ही रहना पड़ा।
टिकटों की बुकिंग ऑनालइन, पीआरएस, कॉमन सर्विस सेंटर, पोस्ट ऑफिस और एजेंट से कराई जा सकती है। यह 21 मई 2020 से शुरू है।
रेलवे के मुताबिक स्टेशनों पर स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का रेलवे सख्ती से पालन करवा रहा है। स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल के जरिए यात्रियों के शरीर का तापमान मापा जाता है अगर वे स्वस्थ होते हैं तो ही उन्हें यात्रा की इजाजत दी जाती है।
उत्तर प्रदेश के आगरा रेलवे स्टेशन पर टिकट लेते यात्री। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। रेलवे 1 जून से 200 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन कर रहा है। देखें तस्वीरें:-
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक हर स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जा रहा है। 20 मई को सबसे ज्यादा 279 ट्रेनें चलीं और 4 लाख यात्रियों ने यात्रा की। यादव ने आगे कहा कि रेलवे के 17 अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल घोषित किए गए हैं और इनमें 5 हजार बेड्स की व्यवस्था है। वहीं 33 हॉस्पिटल में कुछ ब्लॉक्स कोरोना बीमारी के इलाज के लिए अलग से बदल दिए गए हैं।
रेल मंत्रालय ने अगले 10 दिनों में 36 लाख लोगों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए यात्रा कराने का लक्ष्य रखा है। महामारी से धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटने की दिशा में रेल मंत्रालय 1 जून से 200 नॉन-एसी मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगा। इन्हें भी आगे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि रेलवे के आंकडों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1246 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां पहुंची हैं, इसके बाद बिहार में 804 और झारंखड में 124 रेलगाड़ियां पहुंची हैं। वहीं गुजरात ने 759, महाराष्ट्र ने 483 और पंजाब ने 291 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी कामगारों को रवाना किया है।
श्रमिक विशेष ट्रेन मुख्यत: राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं जो लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक भेजना चाहते हैं। रेलवे इन ट्रेनों को चलाने के कुल व्यय का 85 फीसद व्यय खुद वहन कर रहा है जबकि शेष राशि राज्य दे रहे हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने शनिवार को कहा कि रेलवे अगले 10 दिनों में और 36 लाख प्रवासी कामगारों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए 2,600 ट्रेन चलाएगा।
रेलवे ने एक मई से अब तक 2,600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 36 लाख प्रवासी कामगारों को गृह राज्य पहुंचाया नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) रेलवे ने एक मई से अब तक 2,600 श्रमिक विशेष ट्रेन से 36 लाख प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाया है। आधिकारिक आंकडों में यह जानकारी दी गई।
तीन अलग-अलग घटनाओं में श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों में सवार तीन यात्रियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्म देव राम तिवारी ने कहा, ‘‘ मृतकों के परिवार के मुताबिक वे गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे। सभी मृतकों के यात्रा संबंधी जानकारी दर्ज कर ली गई है।’’ मृतकों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि नाइचिनाल्यू दिसांग (23) नगालैंड की रहने वाली थीं और हिमाचल प्रदेश में स्पा में काम करती थीं। वह दिल्ली से दीमापुर जा रही थीं। तिवारी के मुताबिक वह लिवर की बीमारी से ग्रस्त थीं और उनका शव सुबह दस बजे कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचा।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा, "डिमांड पैटर्न के आधार पर 200 ट्रेनों की घोषणा की गई, हम लगातार टिकट बुकिंग की निगरानी कर रहे हैं, 17 लाख से अधिक यात्रियों ने टिकट बुक किए हैं, कुछ ट्रेनों में 90-100% बुकिंग देखी गई है। हम मार्गों पर मांग के आधार पर अधिक ट्रेनों की शुरुआत करेंगे।''
पीयूष गोयल की अगुवाई वाली भारतीय रेल में 12 मई से चलने वाली IRCTC की 15 जोड़ी विशेष रेलगाड़ियों की औसत 97% बुकिंग के साथ ट्रेन सेवाओं की उच्च मांग देखी जा रही है।
Railway के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान रद्द हुई ट्रेनों के टिकटों का रिफंड किया जा रहा है। हालांकि मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक IRCTC के एजेंटों के बुक टिकटों का रिफंड अधर में लटका हुआ है।
रेलवे ने अगले 10 दिनों में 2600 श्रमिक ट्रेन पटरी पर दौड़ाने का ऐलान किया है। कोरोनावायरस महामारी से बचते हुए लॉकडाउन के चौथे चरण में प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाया जा रहा है। रेलवे के मुताबिक, अगले 10 दिनों में 2600 ट्रेनों से लगभग 36 लाख प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा।
कॉमन सर्विस सेंटर के अलावा अब ग्राहक कुछ चुनिंदा रेलवे काउंटर और पोस्ट ऑफिस के जरिए भी रेलवे का टिकट मिल सकता है। ऐसे में यात्री अब सिर्फ ऑनलाइन टिकट के अलावा इन अन्य तीन विकल्पों के जरिए भी टिकट बुक करवा सकते हैं।
भारतीय रेलवे पहले से ही प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक एक्सप्रेस और दिल्ली से 15 अलग-अलग स्थानों के लिए 15 स्पेशल यात्री ट्रेनों का संचालन कर रहा है। वहीं 1 जून से 200 रोजाना पैसेंजर ट्रेनों का संचालन भी किया जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय की तरफ से कुछ अन्य घोषणाएं हो सकती है।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में चलाई जा रही है। रेलवे लगातार ऐसे फैसले ले रहा है जिससे यात्रियों को टिकट बुकिंग से लेकर सफर के दौरान सहुलियत मिले। हालांकि कई जगहों पर ट्रेनों की लेट लतीफी और कम संख्या के चलते मजदूर नाराज हैं। वहीं सैकड़ों लोग सड़क के रास्ते ही अपने-अपने राज्यों की तरफ पैदल ही कूच कर रहे हैं।
रेलवे बोर्ड ने कहा है कि स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का रेलवे सख्ती से पालन करवा रहा है। स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल के जरिए यात्रियों के शरीर का तापमान मापा जाता है अगर वे स्वस्थ होते हैं तो ही उन्हें यात्रा की इजाजत दी जाती है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 6000 स्टेशनों में रेलवे के स्टॉल खोलने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इन स्टॉल के जरिए लोगों को स्टेशन पर खान-पानी की समस्या नहीं रहेगी।
रेलवे के मुताबिक 1 मई से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें मुफ्त भोजना और पानी भी मुहैया करवाया जा रहा है। रेलवे सोशल डिस्टेंसिंग का भी सख्ती से पालन करवा रही है।
लॉकडाउन के दौरान अब तक 45 लाख लोग 2,570 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। इनमें से 80 फीसदी यूपी और बिहार के लिए थीं। उत्तर प्रदेश के लिए अबतक 1246 और बिहार के लिए 804 और झारखंड के लिए 124 ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है।
रेलवे के मुताबिक अबतक 1 हजार टिकट बुकिंग काउंटर्स खुल चुके हैं। 20 मई को 279 श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं थीं।