Indian Railway IRCTC: भारतीय रेलवे अपने यात्रियों के सफर को सुहाना बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ट्रेनों का प्राइवेटाइजेशन किया गया जिसका सिलसिला दूसरे कार्यकाल में भी जारी है। ट्रेन का टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बुक करवाया जाता है। अगर आपने ऑफलाइन टिकट लिया है और आपका टिकट खो जाता है तो आपको ऐसे समय में समझ नहीं आता कि आखिर क्या करें और क्या नहीं। यात्रा से ठीक पहले ऐसा हो जाने पर घबराए नहीं।

रेलवे के नियमों के मुताबिक आपको खोई हुई या गुम हुई टिकट के मामले में किराये की वापसी (रिफंड) नहीं की जाएगी। किसी फटी अथवा मुड़ी-तुड़ी टिकट के मामले में किराया तभी रिफंड किया जाएगा, जब टिकट पर इसके विवरणों के सही और प्रामाणिक होने संबंधी सत्यापन कर लिया जाएगा। वहीं आपको डुप्लीकेट टिकट भी जारी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए भी नियम तय किए गए हैं। स्टेशन मास्टर मूल टिकट के बदले प्रति यात्री क्लर्केज प्रभार वसूल करके एक डुप्लीकेट टिकट जारी करेगा।

ऐसा गुम हुई, फटी अथवा मुड़ी-तुड़ी टिकट की आरक्षण स्थिति कंफर्म अथवा आरएसी हो, और उस गाड़ी के आरक्षण चार्ट तैयार होने से पहले डुप्लीकेट टिकट मांगने पर ही संभव है। वहीं अगर इसके बाद टिकट मांगी जाती है तो गुम हुई टिकट के कुल किराये की 50 प्रतिशत रकम लेकर डुप्लीकेट टिकट जारी की जाएगी।

वहीं अगर चार्ट तैयार होने के बाद टिकट गीली या फट जाने से खराब हो जाती है तो डुप्लीकेट टिकट हासिल करने के लिए टिकट के किराए का 25 फीसद भुगतान मांगा जाएगा। अगर आपकी वेटिंग में टिकट है और वह खराब हो जाती है, तो उसके लिए डुप्लीकेट टिकट निकलवाने का प्रावधान नहीं है। इसके अलावा अगर आपकी टिकट वेटिंग में है और वह खराब हो जाती है तो आपको डुप्लीकेट जारी नहीं किया जाएगा।