पोस्ट ऑफिस में निवेश करना जोखिम मुक्त होता है। भारत में ज्यादातर लोग भविष्य के लिए पोस्ट ऑफिस के स्कीमों में ही निवेश करते हैं। क्योंकि यह जोखिम मुक्त होने के साथ ही निवेशकों को अच्छा रिटर्न भी देती है और लोन की सुविधा और मैच्योरिटी पर अधिक धनाराशि का फायदा भी देती है। इसके साथ ही इसमें आपको टैक्स का लाभ भी मिलता है।
ऐसा ही एक पोस्ट ऑफिस का स्कीम किसान विकास पात्र योजना है, जिसमें रिटर्न के साथ ही तमाम सुविधाएं निवेशकों को मुहैया कराई जाती हैं। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में पूरी डिटेल्स…
जितना चाहें उतना कर सकते हैं निवेश
पोस्ट ऑफिस की ओर से दी जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में से एक किसान विकास पात्र योजना है, इस योजना के तहत अगर कोई निवेशक निवेश शुरू करता है तो वह जितना चाहे, उतने पैसों का निवेश कर सकता है। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है, लेकिन इसमें कम से कम 1000 रुपये 100 के गुणांकों में निवेश करना होता है।
कौन ले सकता है लाभ
इस योजना के तहत दो तरह के खाते खोले जाते हैं, जिसमें सिंगल खाता और ज्वाइंट खाता शामिल है। ज्वाइंट खाते के तहत दो एडल्ट और एक नाबालिग बच्चे का एक साथ खाता खुल सकता है। वहीं केवल नाबालिग बच्चें का खाता 10 साल से अधिक की उम्र वालों का अभिभावक के पुष्टि पर ही खोला जा सकता है।
इस योजना में पैसा होता है डबल
पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम निवेशकों का पैसा 124 महीने यानी कि 10 साल 4 महीने में डबल कर देती है। इस योजना के तहत निवेशकों को सालाना 6.9 फीसद का रिटर्न मिलता है। उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर आपने इस योजना में 50,000 रुपये का निवेश किया है तो 6.9 रिटर्न के साथ आपको पूरे 10 साल 4 महीने बाद 1 लाख रुपये मिलेंगे।
खाते को गिरवी रखना
यह एक ऐसी योजना है, जिसके तहत आप अपना खाता सुरक्षा के रूप में डाकघर की स्वीकृती मिलने पर गिरवी रख सकते हैं। इसके अलावा आप इस खाते को दूसरे व्यक्ति के नाम से ट्रांसफर भी कर सकते हैं।
खाता समय से पहले बंद होने पर
केवीपी परिपक्वता से पहले किसी भी समय कुछ शर्तों के तहत बंद किया जा सकता है। ज्वाइंट खाते में किसी एकल खाते, या किसी या सभी खाताधारकों की मृत्यु होने पर, गिरवीदार द्वारा राजपत्रित अधिकारी होने पर जब्ती करने पर, जब न्यायालय द्वारा आदेश दिया जाता है तो और जमा करने की तारीख से 2 साल 6 महीने बाद इस खाते को बंद किया जा सकता है।
दूसरे व्यक्ति को खाते का ट्रांसफर
केवीपी को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को केवल इन शर्तों के तहत ट्रांसफर किया जा सकता है।
- नामिती/कानूनी उत्तराधिकारियों को खाताधारक की मृत्यु पर।
- खाताधारक की संयुक्त धारक (धारकों) की मृत्यु पर।
- न्यायालय के आदेश पर।
- निर्दिष्ट प्राधिकारी को खाता गिरवी रखने पर।