भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं। ऐसे में भारतीय रेलवे लोगों के सफर को आसान बनाने के लिए कई सुविधाएं प्रोवाइड कराता है। हालाकि बहुत से लोगों को रेलवे के कई नियमों के बारे में जानकारी नहीं होती है। ऐसा ही नियम ट्रेन में सामान चोरी को लेकर भी है। ट्रेन में सफर के दौरान सामना चोरी हो जाता है रेलवे कई प्लेटफॉर्म देता है, जहां पर लोगों को शिकायत करना होता है।
भारतीय रेलवे की वेबसाइट के अनुसार, चलती ट्रेनों में सामान की चोरी, डकैती के मामले में आप ट्रेन कंडक्टर, कोच अटेंडेंट, गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट से संपर्क कर सकते हैं। यहां आपको एफआईआर फॉर्म दिया जाएगा, जिन्हें सही तरीके से भरकर जमा करना होगा। इसके बाद शिकायत पत्र को आवश्यक कार्रवाई के लिए थाने में भेजा जाएगा।
कहां जमा करना होगा शिकायत फॉर्म
पुलिस में शिकायत दर्ज करने के लिए आपको अपनी यात्रा को तोड़ने की आवश्यकता नहीं है। शिकायत दर्ज करने में किसी भी सहायता के लिए आप प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर RPF सहायता पोस्ट से भी संपर्क कर सकते हैं।
अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में एक निर्धारित FIR फॉर्म समय सारिणी में या ‘टीटीई/गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट’ के साथ उपलब्ध है। इसे भरने के बाद, फॉर्म अगले पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी एक अधिकारी जैसे टीटीई, गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट को सौंपा जा सकता है। इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
कैसे मिलेगा सामान
शिकायत करने के बाद आपके सामान की जांच की जाएगी। अगर 6 महीने के भीतर भी सामान नहीं मिलता है तो आप कंज्यूमर फोरम में शिकायत कर सकते हैं। सामान न मिलने की स्थिति में रेलवे की ओर से सामान की कीमत का आंकलन करके रेलवे की ओर से जुर्माना दिया जाता है।
खो जाने और क्षतिग्रस्त हो जाने पर क्या नियम
अगर सामान की कीमत पहले से घोषित नहीं है और बुकिंग के दौरान चार्ज का भुगतान नहीं किया गया है तो रेलवे की ओर से सामान खो जाने या डैमेज होने पर 100/- प्रति किग्रा तक ही भुगतान किया जाता है। हालाकि अगर कंसाइनर ने कंसाइनमेंट का मूल्य घोषित किया है और प्रतिशत शुल्क का भुगतान भी किया है, वह दावा की गई राशि प्राप्त करने का हकदार होगा, जो सामान के मूल्य से अधिक नहीं होगी।
