भारतीय रेलवे (Indian Railways) IRCTC से अलग अपना फूड प्लाजा खोलने जा रहा है। इसके अलावा रेलवे फास्ट फूड यूनिट और बहु-व्यंजन रेस्तरां खोलेगा। यह सभी चीजें रेलवे की ओर से स्टेशन टू स्टेशन खोला जाएगा। पहले बड़े और अधिक भीड़ वाले स्टेशनों पर इसकी शुरूआत की जाएगी। बाद में रेलवे बोर्ड की ओर से और स्टेशनों के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया जा सकता है।
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, गैर-किराया राजस्व बढ़ाने के लिए ऐसा फैसला रेलवे की ओर से लिया गया है। बता दें कि इंडियन रेलवे टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉरपोरेशन (IRCTC) रेलवे में खानपान व्यवस्था देखता है। साथ ही IRCTC ट्रेनों के संचालन के कार्यों को मुख्य तौर पर देखता है। IRCTC को मुख्य तौर पर रेवले के बोझ को कम करने के लिए तैयार किया गया था।
क्यों लिया गया फैसला
पहले यह काम आईआरसीटी को दिया गया था, लेकिन IRCTC द्वारा ऐसी यूनिट स्थापित नहीं की जा सकी। जिस कारण से रेवले को बड़ा नुकसान हुआ है। अब यह जिम्मेदारी जोनल रेवले को दी गई है। 8 मार्च के आदेश में कहा गया है कि 17 जोनल रेलवे को ऐसी इकाइयों के लिए स्टेशनों पर खाली जगह का उपयोग किया जाए।
कहां और क्या- क्या खुलेगा
रेवले की ओर से आदेश में कहा गया है कि स्टेशनों पर उपलब्ध खाली, अनुपयोगी स्थान पर जोनल रेलवे द्वारा फूड प्लाजा, फास्ट फूड यूनिट, मल्टी-कुजीन रेस्तरां खोली जाएगी। वहीं अगर कोई यह यूनिट खोलना चाहता है तो उसे क्षेत्रीय रेलवे से परमिशन लेनी होगी। रेलवे ने आगे कहा कि स्टेशनों पर ऐसी बहुत सी जगह हैं, जिसका उपयोग नहीं हो रहा है और रेलवे का नुकसान हो रहा है। इसे समीक्षा के साथ 1 वर्ष के अंतराल में जगह- जगह खोल दिया जाएगा।
150 यूनिट खोले जा सकते हैं
जानकारी के अनुसार, जोनल रेलवे 100-150 ऐसी स्थिर इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रहा है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि IRCTC रेल भूमि की उच्च दर, लाइसेंस शुल्क और अन्य समस्याओं के कारण ऐसी यूनिट नहीं खोल पाया है।
सस्ती दरों पर मिलेंगी चीजें
रेलवे की ओर से ऐसी यूनिट खुल जानें से यात्रियों के लिए बड़ी राहत होगी। यात्रियों को अब चीजों पर कुछ कम कीमत ही देनी होगी। क्योंकि यह सीधे रेलवे के कोष में जाएगा, इस कारण बीच में वसूला जाने वाला चार्ज राहत देगा। वहीं अगर कोई इस यूनिट का संचालन करना चाहता है, तो उसे निविदा प्रक्रिया के माध्यम से भाग लेना होगा।