Indian Railways Cloak Room Rules, Facilities and Fares in Hindi: भारतीय रेल अपने यात्रियों को स्टेशंस पर अमानती सामान घर की सुविधा देता है। वे इसके जरिए स्टेशन पर लगेज और कीमती सामान सुरक्षित रख सकते हैं। अमानती सामान घर में सामान रखने के लिए कुछ शुल्क भी लगता है। यह चार्ज सामान के आकार, वजन और उसके कितने वक्त तक वहां रखना रखना है, इस पर निर्भर करता है।
दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर भी अमानती घर की सुविधा मिलती है। यहां ओपन स्टोरेज में एक यूनिट पैक/सामान रखने पर प्रति किलो के हिसाब से या फिर पहले 24 घंटे के लिए 30 रुपए लिए जाएंगे। अगले 24 घंटों के लिए यात्री को 40 रुपए और देने होंगे। यानी वह इस स्थिति में कुल 70 रुपए चुकाएगा।
वहीं, मैनुअल लॉकर के लिए शुरुआती 24 घंटों के लिए 60 रुपए शुल्क लिया जाएगा। अगले 24 घंटों के लिए 80 रुपए और देने होंगे। मतलब इस दौरान यात्री को 140 रुपए चुकाने होंगे।
निजामुद्दीन स्टेशन पर अमानती घर का संचालन करने वाली फर्म M/S K.PADMAJA के मुताबिक, एक बैग/लगेज के लिए अमानती घर का किराया उसके वजन या फिर उसके आकार (लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई) के आधार पर मापा जाएगा और इनमें जो चीज अधिक होगी, उसी आधार पर किराया लिया जाएगा।
नीचे तस्वीर में समझें कि आखिर 1, 2 और 3 यूनिट में कितना सामान या फिर कितनी बड़ी चीज रखी जा सकती हैः
हालांकि, अमानती घर के लिए ये सेवा शुल्क निजामुद्दीन स्टेशन के अलावा और कहीं लागू नहीं होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शहरों और स्टेशंस के हिसाब से अमानती घर पर लिए जाने वाले सेवा शुल्क में अंतर होता है।
लोगों के सामान महीने भर तक के लिए क्लॉक रूम में रखे जा सकते हैं। रेलवे के नियमों के मुताबिक, अगर एक महीने तक कोई अपना सामान लेने नहीं आया, तब उस सामान को लावारिस समझकर निस्तारित कर दिया जाएगा। लगेज/सामान की पर्ची या रसीद खो जाने की स्थिति में सामान तभी दिया जाएगा, जब यात्री स्टैंप्ड Indemnity Note लाकर देगा।