Indian Railway IRCTC: इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने रेल यात्रा के दौरान यात्रियों को सुविधा देने के लिहाज से एक नए अभियान की शुरुआत की है। आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर कहा, “भारतीय रेलवे में वेंडरों द्वारा खाने की अधिक कीमत को लेकर जागरुकता चलाया जा रहा है। आईआरसीटीसी ने ‘नो बिल- द फूड इज फ्री’ पॉलिसी शुरू की है। इसके तहत वेंडर बिल नहीं देता है तो यात्रियों को खाने का पैसा देने की जरूरत नहीं है।” आईआरसीटीसी के कर्मचारियों ने ‘नो बिल- द फूड इज फ्री’ लिखे कपड़े पहन यात्रियों को इस बारे में जागरुक किया।
कुछ समय पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारतीय रेलवे की ट्रेनों में यात्रियों को उस भोजन का बिल देने की आवश्यकता नहीं है, जो वे ऑनबोर्ड खरीद रहे हैं और विक्रेता उसका बिल नहीं दे रहा है। यदि आप रेल से यात्रा करते हैं तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि आईआरसीटीसी से भोजन का बिल नहीं मिलने पर आप मुफ्त में भोजन कर सकते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कोटा जन शताब्दी एक्सप्रेस और दुर्ग-जम्मू तवी एक्सप्रेस के सर्विस स्टाफ “नो बिल – द फूड फ्री” लिखे कपड़े पहन यात्रियों के बीच यह संदेश प्रसारित किया गया था। साथ ही समय-समय पर अन्य ट्रेनों में भी इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे ने सर्विस स्टाफ को पीओएस मशीन लेकर चलने के नियम को अनिवार्य बनाया है ताकि बिल को लेकर पारदर्शिता बनी रहे।
दरअसल रेलवे को काफी ज्यादा शिकायत मिली थी कि वेंडर मनमाने तरीके से खाने की कीमत वसूल रहे हैं। इन शिकायतों पर गंभीरता से विचार करते हुए रेल मंत्री ने वेंडरों और खाने पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया। पारदर्शिता के लिए रेलवे ने कई सारे उपाय किए हैं। किचन को भी अपग्रेड किया गया। कैमरे लगवाए गए और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की जा रही है ताकि यात्री परोसे जाने वाले खाने को बनते देख सकें। उसकी गुणवत्ता को चेक कर सकें।